रक्सौल-काठमांडू रेल मार्ग का सर्वे हुआ पूर्ण,सीमा क्षेत्र के लोगों में हर्ष
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मोतिहारी। भारत-नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय रेल सेवा बहाल करने की योजना के तहत रक्सौल-काठमांडू रेल मार्ग का फाइनल सर्वे पूर्ण हो जाने के बाद दोनो देश के सीमा क्षेत्र के नागरिको में हर्ष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन के विशेषज्ञों की टीम ने गत दिनो 140 किलोमीटर लंबे इस रेल खण्ड के निर्माण को लेकर फील्ड सर्वे को पूर्ण किया है।नेपाल रेल विभाग के महानिदेशक रोहित बिसुराल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना पर 3 खरब 20 अरब रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस रेल मार्ग पर कुल 12 स्टेशन के साथ 32 सुरंग,124 बड़े पुल,125 सामान्य पुल व 24 विशेष प्रकृति के पुल निर्मित होंगे। इसमें कुल 24 किलोमीटर लंबी सुरंग बननी है। जिसमे सबसे लंबी सुरंग 8.16 किलोमीटर की होगी।
उन्होंने बताया कि इस रेल परियोजना को चौथे बिम्सटेक सम्मेलन में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी व नेपाल के पीएम केपी ओली के बीच हुए सहमति के बाद इसके निर्माण को लेकर सर्वे शुरू किया गया था।जिसके बाद फील्ड सर्वे पूरा कर अगामी 6 माह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर लिया जायेगा।फाइनल डीपीआर रिपोर्ट के बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू की जायेगी। उन्होने बताया कि अभी रक्सौल से वीरगंज के खलवा सिरसिया स्थित ड्राइपोर्ट तक रेल खण्ड संचालित है। जिसका विस्तार अगामी कुछ वर्षो में कांठमांडु के कीर्तिपुर तक विस्तार किया जायेगा। साथ ही इसे बारा जिला के सिमरा एयरपोर्ट से भी जोड़ा जायेगा। नेपाल रेलवे के महानिदेशक रोहित बिसुराल कहा कि इस परियोजना को पूर्ण होने को लेकर कितना समय लगेगा यह नही बताया बस इतना कहा कि यह डीपीआर तैयार होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा।वही इस योजना के सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद सीमा जागरण मंच के साथ वीरगंज उधोग वाणिज्य महासंघ के साथ रक्सौल के विभिन्न समाजिक संगठनो में हर्ष व्याप्त है।