STET 2019: बिहार में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने की सचिवालय के बाहर प्रदर्शन, पुलिस ने की लाठीचार्ज
सर्टिफिकेट से मेरिट और नॉन मेरिट का कॉलम हटाने की मांग को लेकर बिहार स्टेट टीईटी के पास हुए.
बिहार: सर्टिफिकेट से मेरिट और नॉन मेरिट का कॉलम हटाने की मांग को लेकर बिहार स्टेट टीईटी के पास हुए, अभ्यर्थियों ने सचिवालय में जमकर बवाल काटा। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है, कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तब तक वो यहीं डटे रहेंगे। पास होने के बाद भी जिन अभ्यर्थियों को मेरिट में जगह नहीं मिली वो सचिवालय के अंदर घुस गए। सचिवालय के गेट पर तैनात गार्ड ने जब उनको रोकने की कोशिश की तो वो उसे धकेल कर अंदर प्रवेश कर गए। गुस्साए छात्रों ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर का पुतला भी फूंक दिया। पुलिस भी स्थिति पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंच गई।
समझाने का प्रयास विफल रहा तो किया लाठीचार्ज
मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया। जब अभ्यर्थी नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने आधा दर्जन अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है। आरोप लगाया गया कि पुलिस ने अभ्यार्थियों को सचिवालय कैंपस से घसीटते हुए बाहर निकाला।
पुलिस ने बर्बर तरीके से बरसाईं लाठियां
अभ्यार्थियों का कहना है कि उन लोगों पर पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसी हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उनको बेरहमी से पीटा और सड़क पर भी घसीटा। इसमें तीन अभ्यर्थियों के सिर में चोटें आई हैं और एक जख्मी हो गया।
क्यों विरोध कर रहे हैं अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षा मंत्री का कहना है कि जो भी अभ्यार्थी पास होंगे, उन्हें क्वालिफाइड या नॉन क्वालिफाइड श्रेणी में रखा जाएगा। लेकिन उन्हें जो सर्टिफिकेट मिले हैं, उसमें क्वालिफाइड के साथ नॉन इन मेरिट लिस्ट को जोड़ दिया गया है। मेरिट और नॉन मेरिट की जानकारी नहीं दी गई थी। सरकार को जल्द अभ्यर्थियों की मांग को पूरा करना चाहिए। जब तक मांग पूरी नहीं होंगे वे डटे रहेंगे।
2019 में 80,402 अभ्यर्थी है थे क्वालिफाइड
स्टेट TET 2019 में 80,402 अभ्यार्थी क्वालिफाइड हुए थे। इनमें से 30,675 अभ्यर्थियों को मेरिट में रख दिया गया और बाकी बचे हुए को नॉन मेरिट लिस्ट में रख दिया गया। अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंक्षी से अपील की कि वे इस पूरे मामले को गंभीरता से ले और अपनी पहली की गई बात पर कायम रहे।