बिहार के तमाम वकीलों को स्टेट बार काउंसिल ने कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्णय
प्रदेश के 1 वकील संघो के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से वकीलों को पेंशन योजना, मेडिक्लेम, बीमा योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया
बेगूसराय: राज्य के तमाम वकीलों को स्टेट बार काउंसिल ने कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्णय लिया है. प्रदेश के 1 वकील संघो के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से वकीलों को पेंशन योजना, मेडिक्लेम, बीमा योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया. स्थानीय एलएन मिश्रा संस्थान के सभागार में आयोजित बैठक में प्रदेश के लगभग सभी वकील संघ के अध्यक्ष व महासचिव ने भाग लिया.
बैठक को संबोधित करते हुए स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने 1991 के मॉडल रूल में संशोधन किये जाने की बात कही. उन्होंने बताया कि हाजिरी फॉर्म की बिक्री से हुई आमदनी का पांच प्रतिशत पैसा स्टेट बार काउंसिल को दिया जाता हैं. इस पैसा से वकीलों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने संभव नहीं है. इसी कारण मॉडल रूल में संशोधन किया गया है. वहीं बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में करीब सवा लाख वकील पंजीकृत हैं और 65 हजार से ज्यादा वकील सक्रिय रूप से वकालत पेशा से जुड़े हुए हैं.
वकालतनामा पर चालीस रुपये देने की बात कही: चेयरमैन ने बीच का रास्ता अख्तियार करते हुए प्रत्येक हाजिरी फॉर्म पर पन्द्रह रुपये और वकालतनामा पर चालीस रुपये देने की बात कही. उनका कहना था कि पेंशन योजना में वकील के साथ उनके परिवार के सदस्यों को भी रखा गया है. इसके बाद कई वकील संघो के प्रतिनिधियों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. जबकि एक दो प्रतिनिधियों ने इस का विरोध किया. योजना की निगरानी के लिए बार काउंसिल तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी ताकि क्रियान्वयन सही तरीके से हो सकें.
उनका कहना था कि अब प्रत्येक वर्ष तीन बार राज्य के वकील संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जायेगी. मौजूद समय में राज्य के 80 प्रतिशत अधिवक्ता संघों ने मॉडल रूल को लागू नहीं किया है. अंत में योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया गया. इसके पूर्व प्रदेश के 1 वकील संघो के प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार विमर्श किया गया. अंत में काउंसिल के सदस्य वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.