पटना न्यूज़: अगुवानी घाट पुल ध्वस्त होने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी को विशेषज्ञों की टीम के साथ 21 जून को तलब किया. साथ ही राज्य सरकार से अबतक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. अवकाशकालीन जज पूर्णेन्दु सिंह की एकलपीठ ने ललन कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.
कोर्ट को बताया गया कि सुल्तानगंज- अगुआनी घाट 1710 करोड़ रुपये की लागत से बने रहे 3.16 किलोमीटर के फोरलेन पुल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था. पुल निर्माण का कार्य 2019 मे पूरा होना था. लेकिन, घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल से पुल दो बार गिर चुका है. उनका कहना था कि पुल गिरने के बाद से एक गार्ड लापता हैं. उसके परिजनों को समुचित मुवावजा दिया जाए. साथ ही पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की गुहार लगाई गई है.
अदालत चिंतित सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि न्यायालय जनता के हितों की रक्षा करने और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को लेकर चिंतित है. कोर्ट ने निर्माण कंपनी को पुल निर्माण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पुल की कुल लंबाई सहित वहां गंगा की धारा की प्रकृति, नींव की जगह मिट्टी के स्तर की प्रकृति और व्यवहार की रिपोर्ट पेश करने को कहा. इसके साथ ही पुलों निर्माण कार्य में आ रही दिक्कतें, पुल गिरने से पर्यवारण को हुए नुकसान, डीपीआर की पूरी रिपोर्ट (भूवैज्ञानिक प्रमाणपत्र और भूसर्वेक्षण) तलब की है.
ये जानकारियां भी पेश करने के आदेश
राज्य और केंद्र सरकार के अनुमोदित वैज्ञानिक निकाय द्वारा प्रस्तुत मृदा अन्वेषण-फाउंडेशन विवरण के अलावा हाइड्रोलॉजिकल डेटा जो आईआईटी के विशेषज्ञ के साथ केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा अनुमोदित डिज़ाइन रिपोर्ट भी मांगी है. निर्माण स्थल पर मॉडल अध्ययन और उपयुक्त संरचना को उचित पाया गया है या नहीं इसकी भी जानकारी मांगी है. निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री की क्रय रसीद, भुगतान का पूरा ब्योरा तलब किया है. कंपनी को 2014 से मार्च 2023 तक वर्तमान परियोजना से संबंधित बैलेंस शीट और कंपनी के रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत अपनी वार्षिक रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं.