स्मार्ट सिटी सीधे नहीं, टेढ़े-मेढ़े साइकिलिंग ट्रैक से गुजरेंगे साइकिल राइडर

Update: 2023-07-11 12:30 GMT

भागलपुर न्यूज़: हवाई अड्डा रोड में स्मार्ट सिटी योजना से लगभग एक किलोमीटर का साइकिलिंग ट्रैक बनाया जा रहा है. ट्रैक की ढलाई का काम पूरा हो गया है और किनारा बनाया जा रहा है. अगले महीने यह बनकर तैयार हो जाएगा और यह शहर का पहला साइकिलिंग ट्रैक होगा. लेकिन विडंबना है शहर के साइकिल राइडर को सीधे नहीं बल्कि टेढ़े मेढ़े साइकलिंग ट्रैक पर अपनी साइकिल चलानी होगी. क्योंकि कैंप जेल से लेकर हवाई अड्डा के पूर्वी छोर तक सड़क के दोनों ओर बने साइकलिंग ट्रैक बीच में कई जगहों पर मुड़ी है. कहीं पेड़ के कारण तो कहीं बिजली खंभे के कारण. स्मार्ट सिटी की डीपीआर में साइकिलिंग ट्रैक बनाने का प्रस्ताव शुरू से था. पहले की योजना के अनुसार सैंडिस कंपाउंड में इसका निर्माण होना था. लेकिन वहां परेड ग्राउंड छोटे हो जाने की आशंका पर यह तय किया गया कि शहर के किसी चौड़ी सड़क पर साइकिलिंग ट्रैक बनाया जाएगा. लेकिन जब स्मार्ट रोड के लिए टेंडर किया गया तो उसमें साइकिलिंग ट्रैक का प्रावधान किसी सड़क में नहीं किया गया. स्मार्ट रोड का काम शुरू होने के बाद जब जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया तो उन्होंने कहा कि शहरवासियों के लिए एक साइकिलिंग ट्रैक का भी निर्माण कराया जाय. इसके लिए फिर हवाई अड्डा रोड का चयन किया गया क्योंकि इससे चौड़ी सड़क शहर में कोई और नहीं थी.

पेड़ व बिजली के खंभे ट्रैक की राह में बन गए रोड़े

स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों की मानें तो इस सड़क में साइकिलिंग ट्रैक बनाने में भी पेड़ और बिजली के खंभे रोड़ा बन गए. पेड़ को काटने की अनुमति वन विभाग से मांगी गई लेकिन अनुमति नहीं मिली. इसलिए ट्रैक सीधा नहीं बन सका. इधर हर दिन सुबह में साइकिल राइड करने वाले ग्रुप के सदस्य जिजाह हुसैन का कहना है कि कई बड़े शहरों में साइकिलिंग ट्रैक है और वहां निश्चित लंबाई-चौड़ाई के साथ निश्चित दूरी पर ही कर्व दिया गया है.

अप ट्रैक से डाउन ट्रैक पर आने को सड़क पर आना होगा

कैंप जेल की गेट के पास से हवाई अड्डा के पूर्वी छोर तक जाने के बाद वहां साइकिलिंग ट्रैक को सड़क में मिला दिया गया है. मसलन फिर डाउन ट्रैक पर आने के लिए हाईवे सड़क को ही पार करना होगा. नियमानुसार ऐसे जगहों पर अंडरपास की सुविधा दी जाती है ताकि राइडर बिना रुके साइकिल राइडिंग करते रहें. वरना अभी जो बनाया जा रहा है उसमें हर 500 मीटर के बाद राइडर को रुककर सड़क पार करना होगा.

साइकिलिंग ट्रैक में कुछ जगहों पर कर्व है. दरअसल पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली. इसलिए जहां तक संभव हुआ ट्रैक को उसी स्थिति में बेहतर बनाने की कोशिश हुई है. पंकज कुमार, पीआरओ, स्मार्ट सिटी कंपनी

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