Siwan: अभी तक सभी जिलों में नहीं बन पाए सहकार भवन

कुछ जगहों पर जमीन की अनुपलब्धता भी एक कारण है.

Update: 2024-07-05 07:02 GMT

सिवान: सहकार भवन की योजना बने छह साल बीत गए. अभी तक सभी जिलों और प्रखंड मुख्यालयों में ये भवन नहीं बन पाये हैं. कुछ जगहों पर जमीन की अनुपलब्धता भी एक कारण है.

ऐसे में किसानों और पैक्स सदस्यों को एक ही छत के नीचे सभी सहकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. सहकारिता के सभी कार्यालय एक जगह पर नहीं हो पाए हैं. राज्य के सभी जिला और प्रखंड मुख्यालयों में सहकार भवन की योजना की मंजूरी वर्ष 17 में मिली थी. शुरू में सहकार भवन बनने थे, जो बाद में बढ़कर 27 हो गए. सात प्रमंडल और जिला मुख्यालयों में भवन स्वीकृत हुए. कुल 27 सहकार भवन के लिए 66.59 करोड़ स्वीकृत किए गए. तभी से यह कवायद चल रही है. अभी तक इन सभी जगहों पर सहकार भवनों का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. कई जगह पर निर्माण कार्य पूरा हो भी गया है तो वहां पर अभी कार्यालय शिफ्ट नहीं हुए हैं. यानी इसका फायदा किसानों, पैक्स सदस्यों या अन्य सहकारी समितियों को नहीं मिल पा रहा है. राज्य के बीस जिले में से अभी 14 में ही सहकार भवन का निर्माण पूरा हो पाया है. इसमें मधुबनी, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण, रोहतास, किशनगंज, कटिहार, कैमूर, जमुई, गोपालगंज, नवादा, वैशाली, सीतामढ़ी, अररिया शामिल हैं. शेष छह जिले नालंदा, शिवहर, सुपौल, जहानाबाद, पूर्णिया और आरा में निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. प्रमंडल मुख्यालयों की बात करें तो पटना, कोसी (सहरसा) और भागलपुर में ही निर्माण पूरा हो पाया है. अन्य चार प्रमंडल मुख्यालयों गया, पूर्णिया, दरभंगा और मुंगेर में अभी निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है. बता दें कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार ने सहकार भवन बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.

कई जगह जमीन उपलब्ध नहीं: जिन जिला और प्रखंड मुख्यालयों में सहकार भवन नहीं बन पाए हैं, वहां प्रमुख कारण जमीन की अनुपलब्धता है. सहकारिता विभाग इस संबंध में कई बार संबंधित जिले को पत्र लिख चुका है. जमीन चिह्नित हुए बिना सहकार भवन का निर्माण संभव नहीं है.

● सहकारिता के सभी कार्यालयों को एक जगह लाना है मकसद

सहकारिता से जुड़ी सभी योजनाओं की जानकारी के लिए सुविधा एक ही छत के नीचे मिलनी है. सहकारिता विभाग के सभी कार्यालय, सहकारिता बैंक की शाखा, सभाकक्ष, सहकारी समितियों के लिए उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं के विपणन सह प्रदर्शनी केंद्र भी खोलने की योजना है.

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