बिहार | प्रखंड में निजी व्यवसाय से करीब 210 जीविका कर्मी अपना व्यवसाय चला रही हैं. इनमें अधिकतर महिलाएं, ग्रामीण परिवेश में रहने वाली हैं. बावजूद इन्होंने आत्मनिर्भरता के लिए निजी व्यवसाय को चुना. पूरे प्रखंड में 283 केंद्र बनाए गए हैं. इनमें किराना दुकान के लिए 210 जीविका कर्मियों को चुना गया है. वहीं 73 बकरी पालन के लिए योग्य पाई गई हैं. इनको जीविका के तरफ से आर्थिक सहयोग किया गया है. बीपीएम सुजीत कुमार ने बताया कि इनमें 210 जीविका कर्मियों को किराना दुकान संचालित करने के लिए आर्थिक सहयोग किया गया है. जबकि, 73 जीविका कर्मियों को बकरी पालन करने के लिए सहयोग किया गया है. उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बने इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
निजी व्यवसाय से 12 लाख 60 हजार की आमदनी में जीविका के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए निजी व्यवसाय के तहत आर्थिक सहयोग किया जा रहा है. जिनमें करीब 283 केंद्र बनाया गया है. जीविका के बीपीएम सुजीत कुमार ने बताया कि 210 किराना दुकानों से प्रत्येक जीविका कर्मियों को छह हजार रूपए महीने आमदनी होता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से उनका परिवार आर्थिक रूप और सामाजिक रूप से मजबूत हो रहा है. जबकि उनके बच्चे भी सामाजिक रुप से शिक्षित हो रहे हैं.
90 ग्राम संगठन में 110 सीएम और 155 कैडर है शामिल
प्रखंड में जीविका संगठन का महत्व को इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं लगातार आत्मनिर्भर बन रही है. बीपीएम सुजीत कुमार ने बताया कि पूरे प्रखंड में करीब 90 संगठन एक्टिव है. जिन में 110 सीएम और 155 कैडर कार्यरत है. उनके साथ हमेशा सोशल कनेक्टिविटी, सोशल वर्किंग और नेसेसरी कांटेक्टिंग भी की जा रही है. जिससे उनके आत्मा बल, सामाजिक स्तर और आर्थिक स्तर मजबूत हो रहा है.