बिहार | वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवानंद की किताब 'सड़क से संसद तक' छपकर आई है। इसमें उनके राज्य सभा में दिए गए भाषण और दलीलें हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस किताब का लोकार्पण आज करेंगे। राजकमल प्रकाशन से यह किताब छप कर आई है। शिवानंद ऐसे नेता हैं जो ब्राह्णण यानी सवर्ण जाति से आते हैं। लेकिन, इन्होंने हमेशा समाज के पिछड़े लोगों की बात की। उनकी लड़ाई लड़ी। दलितों-पिछड़ों के आरक्षण के हिमायती रहे।
महिला अधिकारों के हिमायती रहे। वे एक मायने में 'लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के उस्ताद' भी हैं। अभी के समय में संसद में जिस तरह से अमर्यादित टिप्पणियां की जा रही हैं शिवानंद तिवारी ने मर्यादा के साथ अपनी बात रखी। पत्रकार अरविंद मोहन ने किताब की भूमिका लिखते हुए कहा है कि 'मंडल के दौर में बिहार में अगड़ा होकर पिछड़ों की राजनीति करने की जो कीमत चुकानी संभव है, वह शिवानंद ने चुकाई है। लेकिन विपरीत हवा में खड़े रहकर भी उन्होंने न तो अपने सिद्धांत पर शक किया, न अपने राजनीतिक गुरुओं को दोषी माना।'
भ्रष्टाचार कांग्रेस की संतान
अभी के समय में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ इंडिया गठबंधन बना हुआ है। इसकी कई बैठकें हो चुकी हैं। शिवानंद तिवारी का 17 अगस्त 2011 को दिया गया भाषण कांग्रेस की आलोचना से भरा-पूरा है। इस अध्याय का नाम ही है 'भ्रष्टाचार कांग्रेस की संतान'। शिवानंद ने कहा है - 'हमको ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार कांग्रेस पार्टी की कोख से पैदा हुआ है, भ्रष्टाचार कांग्रेस की संतान है। कोई भी मां अपनी संतान की हत्या नहीं करना चाहती है भले प्रधानमंत्री जी लाल किले की प्राचीर से यह भाषण देते हों कि हम मजबूत लोकपाल बनाएंगे और उसके जरिए हम भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे, कोई भी इस बात पर यकीन करने के लिए तैयार नहीं है।