स्कूली बच्चे भी बन रहे साइबर अपराध के शिकार, बच्चों ने सुनाई आपबीती

Update: 2023-03-09 08:06 GMT

पटना न्यूज़: दानापुर स्थित एक स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा के साथ उसी स्कूल का एक लड़का ईमेल व एसएमएस भेजकर बदमाशी करता था. उसने गलत करने की कोशिश भी की. परेशान होकर छात्रा ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया. वहीं, खगौल स्थित एक स्कूल के छात्र के खाते से साइबर अपराधियों ने 25 हजार रुपये उड़ा लिये. परेशान छात्र ने हेल्पलाइन पर फोन कर मदद मांगी. सिर्फ इन दोनों के साथ ही ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं, बल्कि रोजाना किसी न किसी छात्र या छात्रा के साथ ऐसा हो रहा है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के मुताबिक बिहार के पांच हजार से अधिक छात्र साइबर क्राइम का शिकार हुए हैं.

इसमें साइबर यौन उत्पीड़न और पैसे की धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 3543 मामले हैं. कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर डाला है. इसमें हेल्पलाइन नंबर भी दिया है, जहां पर छात्र अपनी शिकायत दर्ज करा सके. इसके अलावा डायल 112 और राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नंबर 181 को भी वेबसाइट पर डाला है ताकि किसी भी तरह के साइबर या अन्य अपराध की स्थिति में छात्र मदद मांग सके. इसके बाद बच्चों द्वारा की जानेवाली शिकायतों की संख्या सामने आई है. बता दें कि स्कूलों की पढ़ाई का एक बड़ा हिस्सा इंटरनेट के माध्यम से होता है. जानकारी लेने के लिए छात्र यू-ट्यूब, गूगल आदि का रुख करते हैं. ऐसे में साइबर अपराध से बचने के लिए उन्हें जागरूक भी रहना होगा.

बच्चों से साझा की गई जानकारी

साइबर क्राइम क्या है और इससे कैसे बचें, इसको लेकर स्कूली बच्चों को पूरी जानकारी दी गई है. कहां पर किस तरह से वो साइबर क्राइम में फंस सकते हैं. बचने के लिए उन्हें क्या कुछ करना चाहिए. यदि साइबर क्राइम करते हैं तो क्या सजा हो सकती है, ऐसी तमाम जानकारी सीबीएसई ने बच्चों के साथ साझा की है.

शिकायत ट्रैक कर सकते हैं

जिन छात्रों द्वारा साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतें की जाती हैं, वे कार्रवाई की जानकारी के लिए उसे ट्रैक भी कर सकते हैं. उनकी शिकायत कहां तक पहुंची और अबतक क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी मिलती है.

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