Darbhanga सर्जरी विभाग परिसर में हंगामा, मरीज की सुधि लेने आये लोगों ने मरीज को नहीं देख किया हंगामा, मची रही अफरातफरी
हंगामा, मरीज की सुधि लेने आये लोगों ने मरीज को नहीं देख किया हंगामा, मची रही अफरातफरी
बिहार डीएमसीएच परिसर में एक मरीज के परिजनों ने सर्जरी विभाग परिसर में हंगामा किया. वे एक मरीज की सुधि लेने वहां पहुंचे थे. विभाग में मरीज को नहीं पाकर वे तरह-तरह के आरोप लगा रहे थे. आखिरकार मरीज के मिलने के बाद वे शांत हुए. हालांकि इससे पूर्व वहां काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला.
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार नामक एक किशोर को इलाज के लिए लाया गया था. बताया जाता है कि उसे किसी वाहन से भेजा गया था जबकि उसके कई परिजन पैदल ही अस्पताल की ओर रवाना हो गए. इमरजेंसी पहुंचने पर मरीज को सर्जरी सीसीडब्ल्यू में रखा गया.
इधर, परिजन सीसीडब्ल्यू के बजाय उसकी खोज में सर्जरी विभाग पहुंच गए. मरीज के वहां नहीं मिलने पर वे हंगामा करने लगे. उनके तेवर को देखते हुए स्वास्थ्य प्रबंधक ने सुरक्षा सुपरवाइजर को फोन कर मरीज की तलाश करने को कहा. ढूंढने पर मरीज सीसीडब्ल्यू में पाया गया. इधर, मरीज अपने परिजनों के लिए परेशान था तो उधर परिजन उसके लिए. जानकारी दिये जाने पर परिजनों ने मरीज को सीसीडब्ल्यू में देख राहत की सांस ली. मालूम हो कि अक्सर डीएमसीएच में किसी ने किसी कारण से हंगामा होता रहता है, जिससे अफरातफरी मच जाती है. मरीजों को भी परेशानी होती है.
डीएमसीएच परिसर में उचक्कों और बिचौलियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है. जब अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने सेंट्रल ओपीडी में उचक्कों और बिचौलियों के प्रवेश पर रोक लगा दी तो वे और उनके आका भड़क गए.
सूत्रों के अनुसार अपने-अपने आकाओं के निर्देश पर करीब एक दर्जन उचक्के और बिचौलिए हाथ में डंडे और फट्टे लेकर ओपीडी के गेट पर पहुंच गए. उनकी मंशा को भांपते हुए सुरक्षा कर्मियों को एकजुट कर ओपीडी के गेट की तरफ भेजा गया. सुरक्षा कर्मियों को एकजुट होकर आते देख उचक्के वहां से फरार हो गए.
दरअसल ओपीडी में बिचौलियों और उचक्कों की सक्रियता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा कर्मियों को उनकी सक्रियता पर लगाम लगाने का निर्देश दिया है. इसे सुनिश्चित करने के लिए ओपीडी के सभी गेट पर अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड को तैनात किया गया था.
वे आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रख रहे थे.
इसी दौरान एक कर्मी का वार्ड रजिस्टर लेकर एक युवक इमरजेंसी में प्रवेश करने लगा. सुरक्षा गार्ड ने उसे रोकते हुए सरकारी रजिस्टर को लेकर उससे सवाल किया. युवक ने बताया कि कर्मी उसके आका की दवा दुकान पर आया था. उसने फोन कर रजिस्टर पहुंचाने को कहा है. इस पर सुरक्षा गार्ड ने रजिस्टर जब्त कर युवक को वहां बैठा लिया. सूत्रों के अनुसार इसकी जानकारी मिलने पर उचक्के और बिचौलिए भड़क गए. उनके आका फोन कर सुरक्षा कर्मियों को देख लेने की धमकी देने लगे. कुछ बिचौलिए मामले को सुलझाने का आश्वासन भी दे रहे थे. वे दलील दे रहे थे कि वे अपने परिजनों के इलाज के सिलसिले में ओपीडी जाते हैं. उन्हें रोका नहीं जा सकता है. बहरहाल डीएमसीएच के ओपीडी में उचक्कों और बिचौलियों की सक्रियता का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. कभी किसी महिला का मंगल सूत्र चोरी हो जाता है तो कभी किसी का मोबाइल उड़ा लिया जाता है. अस्पताल परिसर की घेराबंदी नहीं रहना उचक्कों की सक्रियता का मुख्य कारण है. साथ ही कई कर्मचारियों से उनकी सांठगांठ होने की बात भी किसी से छिपी नहीं है.