Rohtas: ग्रामीण बिहार का इंटरनेट के इस्तेमाल में औसत देश से ज्यादा
"कई वर्गों में यह देश के औसत से ज्यादा दर्ज की जा रही"
रोहतास: इंटरनेट की उपलब्धता और स्मार्ट मोबाइल का ग्रामीण क्षेत्रों तक प्रचार-प्रसार के कारण बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता तेजी से बढ़ी है. कई वर्गों में यह देश के औसत से ज्यादा दर्ज की जा रही है.
डिजिटल साक्षरता, वित्तीय डिजिटल लेन-देन सक्षमता बढ़ने के पीछे बैंकिंग व्यवस्था में तकनीकी नवाचार, नए ग्राहक मित्र सॉफ्टवेयर का प्रचलन होना, मुख्य कारण है. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष बताते हैं कि राज्य में ऑनलाइन बैंकिंग को लेकर युवाओं के बीच आयी जागृति से ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी घर बैठे बैंकिंग लेन-देन कर रहे हैं. नेट से सूचना ढूंढ़ रहे है. ये बातें राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में भी सामने आयी है. रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट का उपयोग कर सूचना ढूंढ़ने, इंटरनेट से ई-मेल और ऑनलाइन बैंकिंग लेन-देन में ग्रामीण बिहार का औसत देश से ज्यादा है. स्कूल-कॉलेज जाने वाले ग्रामीण आबादी (15 से 24 वर्ष) और ग्रामीण युवा(15 से 29 वर्ष) का राष्ट्रीय औसत क्रमश 21 और 22 है. वहीं इस वर्ग में बिहार का औसत क्रमश24.3 और 24.1 है, जो राष्ट्रीय औसत से 3.3 और 2.1 ज्यादा है.
डिजिटल साक्षरता में ग्रामीण महिलाएं आगे इंटरनेट का उपयोग कर सूचना ढूंढ़ने और ई-मेल भेजने व प्राप्त करने में बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के किशोर(15 वर्ष) बालिकाएं व युवा (15 से 29 वर्ष) उम्र की महिलाएं, देश में इसी उम्र की किशोर बालिकाओं व युवा महिला की तुलना में ज्यादा बेहतर है. रिपोर्ट के अनुसार 15 वर्ष व उससे ऊपर की 51.4 ग्रामीण बच्चियां इंटरनेट संचालन में व 29.5 बच्चियां ई-मेल संचालन में दक्ष है. इसी वर्ग में ग्रामीण बच्चियां की दक्षता 63.6 और ई-मेल संचालन में दक्षता 40.7 है. वहीं 15 से 29 वर्ष की ग्रामीण महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 54.8 की तुलना में 60.7 है.
ऑनलाइन बैंकिंग में राष्ट्रीय औसत के नजदीक: ऑनलाइन बैंकिंग मामले में बिहार के युवा कई वर्गों में राष्ट्रीय औसत के नजदीक है. 15 वर्ष के 33.3 किशोर सक्षम है. वहीं राष्ट्रीय औसत 37.8 है.15 से 29 के युवा वर्ग में राष्ट्रीय औसत 40.6 तो सूबे के 34.4 युवा सक्षम हैं. 15 वर्ष उम्रवर्ग में पुरुषों का राष्ट्रीय औसत 47.1, महिलाओं का 25.2 है. बहार के पुरुषों का औसत 42.9 तो महिलाओं का 18.1 है. 15 से 29 उम्रवर्ग में पुरुषों का राष्ट्रीय औसत 50.5 व महिलाओं का 28.5 की तुलना में बिहार के पुरुषों का औसत 45.3 तो महिलाओं का 18.9 है.
सस्ता इंटरनेट व मोबाइल सघनता से आया बदलाव: अर्थशास्त्रत्त्ी व बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी पटना के एसोसिएट प्रोफेसर सुधांशु कुमार बताते हैं कि तेज गति के सस्ते इंटरनेट व मोबाइल की सुगम उपलब्धता ने राज्य और देश के सुदूर क्षेत्रों तक लोगों के बीच तकनीक के उपयोग को लोकप्रिय बना दिया है. यूपीआई से लेन-देन में हुई अप्रत्याशित वृद्धि इसका उदाहरण है. आज बैंकिंग सुविधाएं तकनीक के सहारे वैसे क्षेत्रों तक पहुंच गयी है जहां बैंक शाखा तक पहुंचना मुश्किल थी.