Rohtas: 15 कंपनियां 200 करोड़ का निवेश करेंगी
इसी साल तैयार हुई है बिहार आईटी नीति
रोहतास: विभिन्न सेक्टर की कंपनियां सूबे में 200 करोड़ से अधिक रुपये निवेश करेंगी. इसके तहत 15 कंपनियों ने इन्वेस्टमेंट इंटेंट फॅार्म पर हस्ताक्षर किया. बिहार की आईटी नीति के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करने के लिए सूचना प्रावैधिकी विभाग द्वारा बेल्ट्रॉन में बैठक आयोजित की गई. इसका उद्देश्य राज्य के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास और निवेश को बढ़ावा देना है. बैठक में वेंडर्स और निवेशकों सहित उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया. इन्हें नीति के उद्देश्यों, अवसरों और बिहार के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में नवाचार की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई. इस बैठक में आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों की 40 से अधिक प्रमुख कंपनियों के सीईओ और वीपी ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने की. इस दौरान विभाग के विशेष सचिव अरविन्द कुमार चौधरी, बेल्ट्रॉन के महाप्रबंधक श्याम बिहारी सिंह और राकेश रंजन भी मौजूद थे. सचिव ने राष्ट्रीय आईटी परिदृश्य में बिहार को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. दरअसल, बिहार आईटी नीति के तहत इस वर्ष 1000 करोड़ से अधिक का निवेश बिहार में आने का अनुमान है. यह बैठक बिहार में तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यही नहीं बिहार आईटी नीति 2024 से पर्याप्त आर्थिक विकास होने, रोजगार सृजित होने और राष्ट्रीय आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में राज्य की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है.
इसी साल तैयार हुई है बिहार आईटी नीति: राज्य सरकार जनवरी में बिहार आईटी नीति, 2024 लाई. इसे राज्य के आईटी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के साथ-साथ डेटा सेंटर क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. सरकार आईटी नीति के तहत मिलने वाले इंसेंटिव पर चर्चा करने और संभावित निवेश को आकर्षित करने के लिए मुंबई, चंडीगढ़, कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु आदि जगहों पर निवेशकों और प्रमुख उद्योग हितधारकों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है. इस नीति से पर्याप्त आर्थिक विकास होने, रोजगार सृजित होने और राष्ट्रीय आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में राज्य की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है.
सरकार वेंडर, निवेशकों और व्यवसायों को आगामी बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि वे इसके फायदों को समझ सकें.