चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम नहीं हो रही 25 अगस्त सुनवाई
क्या लालू प्रसाद यादव जाएंगे जेल, नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम पर क्या लग जाएगा ब्रेक. चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम को तेज धार दे रहे हैं. 25 अगस्त को चारा घोटाला मामला में लालू यादव के जमानत रद करने को लेकर सुनवाई होनी है. वहीं, अगर लालू यादव के जमाने की याचिका रद्द कर दी जाती है, तो नीतीश कुमार की विपक्षी एकता के मुहिम में असर पड़ेगा. वहीं, नीतीश को कमजोर करने की कोशिश बीजेपी कर रही है.
क्या लालू प्रसाद यादव जाएंगे जेल!
राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कुछ नहीं होने जाने वाला है. लालू प्रसाद यादव ना कभी डरे हैं, ना कभी झुके हैं. आज उनकी राजनीति में सक्रियता ही भाजपा के अंदर डर का माहौल दिख रहा है. यही कारण है कि वह अपने पालतू तोतों को छोड़ रहे हैं, लेकिन न्यायालय पर हमें भरोसा है. न्यायालय जो भी निर्णय लेगी, वह हमारे हित में लेगी क्योंकि न्यायालय को भी पता है. यह लोग बस जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं. विपक्ष को कमजोर करने के लिए डराने के लिए, लेकिन हम लोग डरेंगे नहीं न्यायालय हमारे साथ है.
बीजेपी लाख प्रयास कर ले, अब कुछ नहीं होने वाला
जनता दल यूनाइटेड के एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार को कोई कमजोर नहीं कर सकता है. बीजेपी लाख प्रयास कर ले, अब कुछ नहीं होने वाला है. नीतीश कुमार ने जो मुहिम की शुरुआत बिहार से की है, वह देश में दिख रहा है कि किस तरीके से विपक्ष एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं. लालू प्रसाद यादव वह शख्स है, जो कभी भी बीजेपी के सामने घुटने नहीं टेके. बीजेपी का तो काम ही है, विपक्ष को कमजोर करने की. ताकि चुनाव में वह खुद को मजबूत साबित करें, लेकिन जिस तरीके से बिहार ने एक संकल्प के साथ बीजेपी का साथ छोड़ नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाया है और यही कारण है की बीजेपी का डर अब खुलकर सामने आ रहा है.
लालू यादव की कोई राजनीतिक हैसियत अब नहीं
वहीं, भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि लालू यादव की कोई राजनीतिक हैसियत अब नहीं रह गई है. राजनीति में लालू प्रसाद यादव अब पूरी तरीके से समाप्त हो चुके हैं नीतीश कुमार की भद पिट गई है और तेजस्वी यादव को गद्दी सौंपने के लिए लालू प्रसाद यादव लगातार प्रयास कर रहे है. अब देखना दिलचस्प होगा कि 25 अगस्त को लालू प्रसाद यादव को लेकर क्या फैसला आता है. सभी दलों की निगाहें इस फैसले पर टिकी हुई है. वहीं, जेडीयू और राजद का मानना है कि बीजेपी विपक्ष को कमजोर करने के लिए पालतू तोते छोड़ती है, तो वहीं बीजेपी का कहना है जांच एजेंसी स्वयं अपना काम करती है.