साइबर ठगों के हाथों कंगाल हो रहे हैं जिलेवासी, पुलिस के साइबर सेल नंबर 1930 पर दर्ज कराएं केस

Update: 2023-05-20 08:56 GMT

गोपालगंज न्यूज़: साइबर बदमाशों के हाथों जिलेवासी हर साल करोड़ों की ठगी के शिकार हो रहे हैं. एक छोटी से गलती की वजह से मिनटों में जीवन भर की कमाई से हाथ धो बैठते हैं. उसके बाद पछताने के सिवा कुछ अधिक हासिल नहीं हो पाता है. साइबर बदमाशों के हाथों निरीक्षर, साक्षर से लेकर व्यापारी, नौकरी पेशे व कई नामचीन लोग भी साइबर ठगी के शिकार होते जा रहे हैं.

या यूं कहा जाय तो जितना चोर, लुटेरों से डर नहीं लगता है उससे अधिक लोगों को अब साइबर ठगों से डर सताने लगा है. एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इधर करीब डेढ साल में एक करोड़ से अधिक की ठगी हो चुकी है. सिर्फ वर्ष 2023 में अबतक 60 लाख से अधिक की ठगी हो चुकी है. दो दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. साइबर ठगी के मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. कहने के लिए एससी एसटी थाना में साइबर थाना संचालित है.

लेकिन यहां प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है. लोहियानग आर्यभट्ट के निदेशक प्रो. अशोक कुमार सिंह एक उदाहरण है जो साइबर बदमाशों के चंगुल में कैसे फंसे व ठगी के शिकार हो गये. एसपी योगेन्द्र कुमार कहते हैं कि जिले में साइबर थाना एससी एसटी थाना में कार्य कर रहा है. साइबर ठगी के शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने या पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल शिकायत नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराने का आह्वान किया है. उसे जानकारी दी गयी कि मेरे खाता से रुपये कट गये लेकिन कंपनी को नहीं गया. वह राशि कहां गयी इसका चेक करें बताएं. उधर जवाब आया कि आपकी राशि फंस गयी है यदि आप मोबाइल पर कुछ प्रोसेसे करें तो राशि आपके खाते में आ जाएगी. प्राचार्य ने बताया कि कस्टमेयर केयर के बातों में आ गया व प्ले स्टोर खोलने को कहा.

उसके बाद उस पर ऐनी डेस्क टाइप करने को कहा. एनी डेस्क एप लोड होने के बाद जैसे-जैसे कहा करता गया व मेरे खाते से 90 हजार 31 रुपये निकल गये.

फोन पे पर कस्टमर केयर बन साइबर बदमाशों ने उड़ाये 90 हजार

फोन पे का कस्टमर केयर बन साइबर बदमाशों ने एसएनएनआर कॉलेज चमथा के प्राचार्य व आर्यभट्ट के निदेशक प्रो. अशोक कुमार सिंह अमर से साइबर बदमाशों ने 90 हजार 31 रुपये की ठगी कर ली. पीड़ित ने लोहियानगर ओपी में 30 जुलाई 2022 को प्राथमिकी दर्ज करायी है. अभीतक पुलिस के हाथ खाली हैं.

असल में प्राचार्य ने अपने टीवी के लिए टाटा स्काई में 4908 रुपये एक साल का शुल्क फोन पे से टाटा स्काय को ट्रांसफर किया. वह राशि एसबीआई के खाते से डेबिट हो गयी, लेकिन वह राशि नेटवर्क में कहीं फंस गयी. आधा घंटा बाद जब उन्होंने टाटा स्काय के कस्टमर केयर को कॉल किया तो वहां से बताया गया कि आप फोन पे के कस्टमर केयर से बात करें. मुझे फोन पे के कस्टमर केयर का नंबर नहीं था. मैंने गूगल से एक फोन पे कस्टमर केयर प्राप्त किया व उस पर कॉल किया. मेरे द्वारा 09827114905 पर कॉल किया. उसी समय उधर से 8582832597 नंबर से कॉल आया. कहा गया कि बताएं क्या परेशानी है.

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