पटना न्यूज़: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के निवेशकों के पैसे वापस करने के आदेश का पालन नहीं करना अग्रणी बिल्डर को महंगा पड़ा. पटना बाईपास थाना क्षेत्र में एनएच के दक्षिण मौजूद धवलपुरा गांव में उसके 27 कह्वे के प्लॉट को जब्त कर लिया गया है. इसपर रेरा की तरफ से जब्ती से संबंधित एक नोटिस बोर्ड भी लगा दिया गया है, जिस पर लाल रंग से संपत्ति कुर्क करने का आदेश अंकित है. अब इस प्लॉट की नीलामी की प्रक्रिया रेरा के स्तर से जल्द शुरू की जाएगी और इससे प्राप्त राशि संबंधित पीड़ित निवेशकों के बीच नियमानुसार वितरित की जाएगी.
निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में रेरा की तरफ से किसी बिल्डर के खिलाफ जारी अपनी तरह का यह पहला आदेश है. निवेशकों की डूबी हुई राशि को निकालने के लिए रेरा ने यह पहल की है. इस प्लॉट का बेस रेट क्या होगा, इसका निर्धारण भी जल्द होगा. रेरा के अध्यक्ष नवीन कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है.
अग्रणी बिल्डर के खिलाफ तीन शिकायतें अलग-अलग लोगों से 2020 में प्राप्त हुई थी, जिसकी शिकायत संख्या भी अलग है. इन तीनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई रेरा के अध्यक्ष और सदस्य एसडी झा ने की थी. इसके बाद सभी आदेश में बिल्डर को सभी निवेशकों के पैसे लौटाने का गया था. परंतु इस आदेश की अवहेलना करने की वजह से निष्पादन मुकदमा दायर कर इनके याचिका की सुनवाई की गई. इसके बाद खंडपीठ ने तीनों मामलों में संबंधित बिल्डर की जमीन को जब्त करने का अंतिम आदेश जारी किया.
गौरतलब है कि जब्त की गई जमीन का बाजार मूल्य करोड़ों में है, लेकिन इसकी सरकारी दर कम है. अग्रणी बिल्डर की धोखाधड़ी के शिकार 100 से अधिक लोग हैं और रेरा के इस आदेश से इन सभी को काफी राहत होगी. साथ ही इनके सालों से फंसे पैसे भी वापस हो सकेंगे.