आवारा कुत्तों पर निगम आयुक्त से जवाब तलब, कुत्तों की नसबंदी का कार्य एनजीओ को देने का मामला
बिहार | आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य एनजीओ को देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चन्द्रन और पार्थ सारथी की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.
आवेदकों की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार एवं अधिवक्ता आकृति ऐश्वर्या ने कोर्ट को बताया कि निगम ने संतुलन जीव कल्याण नामक एनजीओ को शहर के आवारा कुत्तों को नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन टीका लगाने का टेंडर दिया है. उनका कहना था कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. उन्होंने जरूरी प्रमाणपत्र नहीं रहने के बावजूद दिये गये टेंडर को रद्द करने की गुहार कोर्ट से लगाई.
उनका कहना था कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए प्रति कुत्ता 1130 रुपये की दर से गत 12 जनवरी को निविदा कार्य आवंटित किया, जबकि निविदा सूचना गत वर्ष 18 नवम्बर को जारी की गई थी.
मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी उनका कहना था कि नगर निगम की मिलीभगत से बगैर प्रमाणपत्र के संतुलन जीव कल्याण पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.