दरभंगा न्यूज़: डीएमसीएच के ऑर्थोपेडिक विभाग में की देर रात ब्लड सैंपल लेने पहुंचे निजी पैथोलॉजी क्लीनिक के कर्मी को मरीज के परिजनों ने दबोचकर अस्पताल प्रबंधन के हवाले कर दिया.
अवैध रूप से अस्पताल के वार्ड में ब्लड सैंपल कलेक्शन करने वाले कर्मी के खिलाफ एफआईआर करने का आश्वासन तो दिया गया था, लेकिन उसे सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. हुआ यूं कि सड़क दुर्घटना में जख्मी रमन कुमार का इलाज ऑर्थोपेडिक विभाग में चल रहा है. परिजनों के अनुसार देर रात दो युवक उसके बेड के पास पहुंचे थे. एक चिकित्सक का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि उनके कहने पर वे सैंपल लेने आए हैं. सैंपल लेने के बाद उन लोगों ने 17 सौ रुपए की मांग की. इसी दौरान वे पैसे को लेकर नोकझोंक करने लगे. बाहरी होने के शक में परिजनों ने उन्हें पकड़ लिया.
तभी मौका पाकर एक युवक वहां से फरार हो गया. सूचना मिलने पर उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार वहां पहुंचे थे. बेंता ओपी की पुलिस भी वहां पहुंची थी. उपाधीक्षक ने परिजनों को बताया कि अस्पताल में निशुल्क जांच की व्यवस्था है. वे बिचौलियों के झांसे में नहीं आएं. उपाधीक्षक ने बताया कि बिचौलियों को डांट-फटकार कर छोड़ दिया गया. वार्ड में बिचौलियों को प्रवेश से रोकने के लिए सुरक्षा कर्मियों को हिदायत दी गई है. बता दें कि डीएमसीएच के कई वार्डों पर निजी पैथोलॉजी सेंटरों का कब्जा है. वहां के कर्मी अस्पताल में इलाजरत मरीजों का सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए अपने आका के जांच सेंटर पहुंचाते हैं. जांच के एवज में काफी पैसे लेकर कई निजी पैथोलॉजी सेंटर फल-फूल रहे हैं. वहीं अस्पताल में इलाजरत गरीब मरीजों को जांच के लिए काफी राशि खर्च करनी पड़ रही है. बीच-बीच में परिजन बिचौलियों को दबोचकर अस्पताल प्रशासन के हवाले भी करते हैं. हालांकि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बजाय उन्हें डांट-फटकार कर छोड़ दिया जाता है. इससे बिचौलियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है.