बिहार में निबंधन हुआ अनिवार्य, वाहन मालिकों पर होगी कार्रवाई

झारखंड समेत अन्य राज्यों के निबंधित वाहनों के लिए बिहार में निबंधन (Registration Mandatory In Bihar) अनिवार्य हो गया है. राज्य में अवैध रूप से दूसरे राज्यों की गाड़ियां स्थायी तौर पर परिचालन करने वाले वाहन मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी.

Update: 2021-11-22 07:53 GMT

जनता से रिश्ता। झारखंड समेत अन्य राज्यों के निबंधित वाहनों के लिए बिहार में निबंधन (Registration Mandatory In Bihar) अनिवार्य हो गया है. राज्य में अवैध रूप से दूसरे राज्यों की गाड़ियां स्थायी तौर पर परिचालन करने वाले वाहन मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी. राज्य परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) ने इस संबंध में सभी डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्देश दिया है. वहीं विभिन्न धाराओं के तहत अन्य राज्यों के 487 वाहन चालकों (other state vehicle ) पर कार्रवाई की गई है.

अन्य राज्यों की गाड़ियों के परिचालन को लेकर बिहार परिवहन विभाग ने विशेष अभियान चलाया. चेकिंग के दौरान ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. अभियान के तहत झारखंड समेत अन्य राज्यों के 21 वाहनों पर कार्रवाई की गई. इसके साथ ही मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कुल 487 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. इसमें सीट बेल्ट, हेलमेट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि की भी जांच की गई. जुर्माना के साथ विभिन्न धाराओं के तहत 54 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य से एवं अन्य कारणों से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छुपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं. यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है. इससे विभाग को राजस्व क्षति भी हो रही है. उन्होंने बताया किझारखंड एवं अन्य राज्य के वास्तविक वाहन मालिक को घबराने की जरूरत नहीं है. वे अपना पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा की रसीद, आधार कार्ड, डीएल, या अन्य कोई प्रमाण पत्र दिखा कर झारखंड या अन्य राज्य से आने का प्रूफ दिखाएंगे तो उन्हें फाइन नहीं लगेगा.
'झारखंड और समेत अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रुप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब यहां का नंबर लेना पड़ेगा. बिहार का नंबर लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करें.' :- संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहनों का बिहार में स्थायी रूप से परिचालन किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इसके साथ ही कई निजी वाहनों के मालिक हैं जो अन्य राज्यों से निबंधित वाहन का एनओसी लेकर बिहार में अपने वाहन का निबंधन कराना चाहते हैं. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर यहां का नंबर दिया जाएगा.
दरअसल, परिवहन विभाग को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है. यहां के स्थायी निवासी आस-पास के राज्यों में अवैध रूप से वाहनों का निबंधन करवा रहे हैं और बिहार में वाहनों का परिचालन कर रहे हैं. गलत पते देकर रजिस्ट्रेशन कराने वाले वाहन मालिकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी.
मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है. इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा.


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