विकास में रोड़ा बन रहे कुलसचिव: कुलपति

कुलसचिव ने कहा, तीन महीने में 900 फाइल निपटायी

Update: 2024-05-25 04:19 GMT

बक्सर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में प्रशासनिक अस्थितरता कम होने का नाम नहीं ले रही है. यही वजह है कि टीएमबीयू के कई जरूरी एकेडमिक और प्रशासनिक कार्यों से जुड़ी फाइलें विभिन्न शाखाओं में लंबित पड़ी हैं.

यही नहीं, कुलपति और कुलसचिव के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगातार जारी है. कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने फाइलों के लंबित रहने की समीक्षा की. इसके बाद कुलपति ने कहा कि टीएमबीयू के विकास में कुलसचिव डॉ. विकास चंद्रा रोड़ा उत्पन्न कर रहे हैं. उनके यहां जो फाइलें जा रही हैं. उस पर किसी तरह की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है. फाइलों के लंबित रहने की वजह से ही विद्यार्थियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पा रहे हैं. आईआरपीएम सहित कई विभागों में मूलभूत सुविधाओं की फाइलें भी कुलसचिव कार्यालय में लंबित हैं. इंजीनियरिंग सेक्शन की समीक्षा के बाद कुलपति ने बताया कि टेंडर, वर्क ऑर्डर, मरम्मती कार्य, प्रशासनिक आदेश, संवेदकों का बकाया, एग्रीमेंट सहित महिला हॉस्टल की बाउंड्री आदि का मामला कुलसचिव स्तर से अटका हुआ है. ऑडिट ऑब्जेक्शन दूर करने प्रशासनिक कार्यालय खुला था लेकिन कुलसचिव एक बजे तक कार्यालय नहीं आये.

लालबाग में गंदे पानी के बहाव को रोकने संबंधी फाइल पर भी काम नहीं हुआ है. इसे लेकर लालबाग आवासीय प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले शिक्षकों ने भी शिकायत की है. कुलपति ने कहा कि कुलसचिव पिछली कई बैठकों में नहीं आ रहे हैं. यदि आते हैं तो सहयेाग नहीं करते हैं. कई बार इस संबंध में उनसे शोकॉज भी पूछा गया है. सिंगल विंडो सिस्टम में भी उनका सहयोग नहीं मिला है. दिनों में 11 फाइलों का ही निपटारा हुआ है. उन्होंने बीपीएड की फाइल को भी रोकने का आरोप कुलसचिव पर लगाया. उन्होंने कहा कि कुलसचिव के इस रवैये से कुलपति की छवि धूमिल हो रही है. ऑडिट ऑब्जेकशन दूर करने के लिए विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्यालय खुला हुआ था, लेकिन कुलसचिव दोपहर एक बजे तक भी कार्यालय नहीं आए.

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