राज्य के निबंधित कामगारों को बेटी होने पर मिलेंगे 50 हजार
नई योजना बनाने के हैं कई मकसद
पटना: भवन निर्माण से जुड़े बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से निबंधित कामगारों को बेटी होने पर 50 हजार रुपए मिलेंगे. अभी यह राशि बेटियों की शादी के समय सहायता के तौर पर दी जा रही है. शादी के बदले जन्म के समय राशि देने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है. जल्द राज्य कैबिनेट से इसकी सहमति ली जाएगी और फिर यह अमल में आ जाएगा.
मौजूदा प्रावधानों के अनुसार कामगारों का निबंधन तीन वर्ष पूरा होने पर विवाह में सहायता दी जाती है. अब तक लगभग 15 सौ कामगारों को यह सहायता राशि दी जा चुकी है. कामगारों की दो व्यस्क पुत्रियों या खुद महिला कामगार की शादी होने पर 50 हजार मिलते हैं. बीते दिनों बिहार भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक हुई. उस बैठक में कई पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि सुकन्या समृद्धि योजना की तर्ज पर नई योजना शुरू की जाए. इसके तहत कामगारों को बेटियों के जन्म होने पर ही पैसा दे दिया जाए. लेकिन पैसा निकालने की अनुमति अभिभावकों को नहीं रहेगी. बेटी जब व्यस्क हो जाएगी, यानी शादी के उम्र के लायक हो जाएगी तो उस पैसे को कामगार निकाल सकेंगे. विभाग की सोच है कि बेटी के जन्म के समय 50 हजार दिया जाना वाला रुपया उसकी शादी के समय तीन-चार गुना हो जाएगा. इससे कामगारों को बेटियों की शादी करने में सुविधा होगी.
कामगारों को सुविधा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. कोशिश है कि अधिक से अधिक कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले. योजनाएं धरातल पर भी उतरे.
- सुरेन्द्र राम,मंत्री, श्रम संसाधन विभाग.
नई योजना बनाने का एक मकसद यह भी है कि अभी बोर्ड से निबंधित सभी कामगारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. बोर्ड से 21 लाख से अधिक कामगार निबंधित हो चुके हैं लेकिन इनमें से 10 फीसदी लोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जानकारी का अभाव और जटिल प्रक्रिया के कारण बहुत कम कामगार ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहे हैं. पिछले साल तक मात्र 84 हजार 982 लाभुकों को 50 करोड़ 81 लाख 64 हजार 968 रुपए दिए गए. जबकि इस अवधि में लेबर सेस के रूप में विभाग को 288 करोड़ 31 लाख मिले. लेबर सेस की वसूली का मकसद कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देना है. विभाग ने ऐसी शर्तें रखी है जिस कारण निबंधन के बावजूद कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. इसलिए निबंधन के समय ही कामगारों को विभाग की ओर से पंपलेट दिया जाएगा कि उन्हें किन-किन योजनाओं का लाभ मिलेगा. समाचार माध्यमों से समय-समय पर इसका प्रचार-प्रसार भी होगा. ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन का निबटारा सीमित अवधि में किया जाएगा.