बक्सर: सदर अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा व इलाज करने का दावा प्रशासन व सरकार करती है. लेकिन सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है.
एक जनवरी 23 से 31 दिसंबर 23 के बीच सड़क दुर्घटना में कुल 145 जख्मी आये थे. उसमें से 98 को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. मात्र 47 का ही इलाज सदर अस्पताल में हो पाया है. इसका खुलासा डुमरांव नंदन गांव निवासी हरेकृष्ण सिंह के आरटीआई से मांगी गई सूचना के आधार पर हुआ है. बता दें कि बक्सर-बिहटा फोर लेन, चौसा, इटाढ़ी अन्य जगहों पर आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होते रहती है. जख्मी को उसके परिजन या पुलिस तत्काल सदर अस्पताल में लेकर आती है. ताकि उसकी जान बचाई जा सके. परंतु यहां विशेष सुविधा नहीं मिल पाती है. इस कारण सड़क दुर्घटना में घायलों को हायर सेंटर में रेफर करना पड़ता है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि कई मरीज तो अस्पताल के अंदर भी दाखिल नहीं हो पाते है. बल्कि मरीज वाहन में रहते है. उनके परिजनों को रेफर की पर्ची दे दी जाती है. ताकि आसानी से हायर सेंटर में उन्हें एडमिट किया जा सके.
सदर अस्पताल में नहीं है एनेस्थीसिया अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों को इलाज के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है. इसके लिए एनेस्थीसिया के की जरूरत होती है. परंतु सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं रहने के कारण मरीजों को ऑपरेशन करना संभव नहीं है. इस कारण अधिकत्तर मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. बता दें कि समय पर इलाज नहीं होने के कारण कई मरीजों की जान भी चली जाती है.
क्या कहते है सीएस: सीएस सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि इमरजेंसी में डाक्टर देखकर यह तय करते है कि मरीज की स्थिति कैसी है. उस आधार पर मरीज का इलाज होता है. साथ ही एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं है. उनकी मांग की गई है. यह प्रयास किया जा रहा है कि मरीजों को बेहतर सुविधा मिले.