पटना न्यूज़: पटना से रांची के बीच ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ चलाने की राह में 38 अवैध रेलवे क्रासिंग (फाटक) रोड़ा बने हैं. पटना से गया के बीच 92 किमी की रेल सफर में जगह-जगह रेलवे ट्रैक से होकर रास्ता बना लिया गया है. इससे हर पल हादसे की आशंका बनी रहती है.
इस रूट पर अप लाइन में जहां 21 अवैध रेलवे क्रासिंग हैं, वहीं डाउन लाइन पर इनकी संख्या 17 है. यानी, एक ट्रेन को पटना से गया का केवल एक फेरा लगाने में 38 बार घोषित खतरे से होकर गुजरना पड़ता है. अवैध क्रासिंग से लोगों का पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर व अन्य छोटे वाहनों का धड़ल्ले से आना-जाना होता है. कई बार इस रूट पर चल रही ट्रेनों से इन क्रासिंग के पास हादसे भी हो चुके हैं. रेलवे सूत्रों की मानें तो ‘वंदे भारत’ चलाने की जोर शोर से चल रही तैयारियों के बीच अवैध रेल क्रासिंग को संरक्षा के लिये एक बड़ा खतरा माना जा रहा है. जोनल रेलवे और दानापुर रेल मंडल द्वारा इन अवैध क्रासिंग को कम करने की तैयारी की जा रही है. पटना-गया रेलखंड पर पटरियों की फिटनेस के आधार पर ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 110 किमी प्रतिघंटे निर्धारित हैं पर रेल फाटकों के पास गति नियंत्रित कर कहीं 30 से 40 तो कहीं 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की गति से ट्रेनें चलाई जाती हैं.
रेलवे की ओर से जागरूकता अभियान और आरपीएफ की सक्रियता बढ़ाकर इन अवैध रेलवे क्रासिंग को कम करने की तैयारी है ताकि ट्रेनें क्षमतानुसार पटरियों पर संरक्षा मानकों के साथ दौड़ सके.
-वीरेन्द्र कुमार, सीपीआरओ, पूमरे