Bihar बिहार : के सीतामढी जिले के डुमरा थाने के विश्वनाथपुर गांव का रामजी राय कुख्यात अपराधियों Criminals में से एक था. रामजी की शनिवार को पटना में गैंगस्टर विकास झा उर्फ कालिया ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना 31 मई 2018 की है, जब जिला मुख्यालय डुमरा के बुजुर्ग मुहल्ला कैलाशपुरी में जिला कल्याण पदाधिकारी शुभ नारायण दत्त की हत्या कर दी गयी थी. इस कांड में नाम आने के बाद रामजी पूरे राज्य में प्रसिद्ध हो गये. उनके नाम का एक अलग ही डर जायज़ था. पहले पूरे जिले में था चर्चित: 2009 से 2014 तक जिला पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहने वाला रामजी राय 2008 में बच्चों के हत्यारे के रूप में मशहूर हुआ और इस घटना से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. आज भी लोग उस घटना को याद कर सहम जाते हैं, जिसमें एनएच-77 पर रास्ता नहीं देने पर ओवरटेक कर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और उनके सिर के चीथड़े उड़ गये.
रामजी का आपराधिक इतिहास चौंकाने वाला है.
2008 में डुमरा थाना क्षेत्र के सिमरा गांव निवासी एक व्यक्ति के भतीजे का फिरौती के लिए अपहरण Kidnapping कर लिया गया था. फिरौती नहीं मिलने पर उक्त बच्चे की गला काटकर हत्या कर दी गयी. इस मामले में रामजी आरोपी था. इस मामले में वह खुश थे. डुमरा थाने के रसलपुर गांव के राजीव कुमार के बेटे अमनदीप का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया था और फिरौती नहीं मिलने पर उसकी हत्या भी कर दी गयी थी. दोनों हत्याकांड की एक खासियत यह थी कि हत्या के बाद उनके शवों को दफना दिया गया था. इन दोनों हत्याकांड से भी रामजी का नाम जुड़ा था. बाद में मौत के शिकार हुए अमनदीप के पिता राजीव की भी हत्या कर दी गई और इस मामले में रामजी राय का भी नाम आया. डुमरा के बेरवास थाने में चौकीदार हदीस समेत दो लोगों की हत्या में भी रामजी राम का नाम आया था. एफआईआर में उन पर भी आरोप लगाया गया था. उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. 2012 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। कुछ महीने बाद मेयरगंज में फिरौती के लिए एक बड़े भोजपुरी कलाकार का अपहरण कर लिया गया। वहां उनका नाम भी सामने आया. बाद में वह कुछ समय तक सामान्य जीवन जीने लगे। प्रेमनगर पंचायत के मुखिया युगल किशोर प्रसाद पर हुए जानलेवा हमले में अचानक रामजी का नाम जुड़ गया.