भागलपुर। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को गोराहीड प्रखंड के मोहनपुर स्थित मध्य विद्यालय में दौड़ प्रतियोगिता करायी गई। इस प्रतियोगिता में स्कूल के छात्रों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया। इस दौरान छात्रों को वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक मुरारी कुमार राय और केएचपीटी के सामुदायिक समन्वयक दीपक कुमार ने टीबी उन्मूलन का संकल्प दिलाया। छात्रों को टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव की जानकारी दी गई। साथ ही इस जानकारी को घर और बाहर तक फैलाने की अपील भी की गई। सरकारी अस्पतालों में जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था मुफ्तः वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक मुरारी कुमार राय ने बताया कि छात्रों को बताया कि टीबी का इलाज संभव है। सभी सरकारी अस्पतालों में इसकी जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था है। दवा भी मुफ्त में मिलती है।
जब तक इलाज चलता तब तक पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक भोजन के लिए राशि भी दी जाती। इसलिए यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह तक खांसी हो, बलगम के साथ खून निकले, लगातार बुखार रहे या फिऱ शाम के वक्त पसीना निकले तो उसे सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। वहां अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो जाती है तो मुफ्त में उनका इलाज होगा। इन बातों की जानकारी समाज के अन्य लोगों को देने की अपील छात्रों से की गई। साथ ही टीबी होने पर जल्द से जल्द इलाज कराने की सलाह दी गई। ऐसा करने से जल्द ठीक हो जाते हैं। केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी को लेकर समाज में जागरूकता लाना जरूरी है। स्कूली बच्चे को अगर टीबी के बारे में जानकारी रहेगी तो इसका प्रसार तेजी से होगा और इसके उन्मूलन में सहयोग मिलेगा। अगर उनके पास टीबी को लेकर हर तरह की जानकारी होगी तो यह समाज के अन्य लोगों तक पहुंचेगी। इससे टीबी उन्मूलन में सहयोग मिलेगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल में दौड़ प्रतियोगिता कराई गई, ताकि समाज के अधिक से अधिक लोग टीबी के बारे में जान सकें।