मनरेगा में चल रहीं विभिन्न योजनाओं में महिलाओं के काम की दमखम, 50 प्रतिशत काम पर जमाया कब्जा

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Update: 2022-06-12 08:22 GMT

मुजफ्फरपुर: मनरेगा से मुजफ्फरपुर में चल रहीं विभिन्न योजनाओं में महिलाओं के काम की हिस्सेदारी बढ़ गई है। चालू वित्तीय 2022-23 की जारी रिपोर्ट ने ये संकेत दिये हैं। लगभग 10 फीसदी की वृद्धि के साथ मनरेगा में आधी आबादी की भागीदारी 50 फीसदी तक पहुंच गई है।

अप्रैल से जून तक की रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं मनरेगा में काम करने में पुरुषों के बराबर पहुंच गईं हैं। अप्रैल से 11 जून तक मनरेगा से 76 हजार 699 परिवारों को काम मिला है। इसमें 94 हजार 983 मजदूरों को काम दिया गया है जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी 50 फीसदी है। 47 हजार 440 महिलाओं ने इस वित्तीय वर्ष में अबतक काम किया है। प्रखंडवार रिकार्ड पर गौर करें तो सबसे अधिक काम महिलाओं ने सरैया में किया है। यहां पर 10 हजार 988 महिलाओं ने मजदूरी की है। वहीं सबसे कम 227 महिलाओं ने मुरौल में काम किया है। मनरेगा से काम मिलने पर महिलाओं को घर चलाने में सुविधा हो रही है। वे पति के साथ घर के खर्च में हाथ बंटा रही हैं।
महिलाओं व एससी, एसटी बहुल गांव में कैंप लगाकर जॉब कार्ड बनाया जा रहा है। 11 जून तक आठ लाख 62 हजार 63 मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया जा चुका है। इसमें एससी के एक लाख 49 हजार 899, एसटी के 2565 व अन्य आठ लाख 62 हजार 63 मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है। वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून तक 15 लाख 82 हजार 392 मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य दिया गया था। 11 जून तक 1981148 मानव दिवस सृजित किया गया है।
मनरेगा की कार्यक्रम पदाधिकारी आमना जोहरा ने बताया कि जिले में लक्ष्य से अधिक मानव दिवस सृजित किये गये हैं। मनरेगा से मजदूरों को काम दिया जा रहा है। महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी तक पहुंच गई है जो गत वर्ष की अपेक्षा दस फीसदी तक वृद्धि है।
औराई प्रखंड की नयागांव पंचायत के डाकबंगला चौक से बागमती परियोजना के उत्तरी बांध तक नाला उड़ाही का काम ग्राम पंचायत योजना से कराया जा रहा है। इसमें मनरेगा से 55 महिलाओं को मजदूरी पर रखा गया है। फूल कुमारी देवी, किरण देवी, शीला देवी, रीना देवी, राजकुमारी देवी का कहना है कि यदि इसी तरह काम मिले तो हमें परिवार के भरण-पोषण में कठिनाई नहीं होगी।
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