बक्सर में बनने वाले श्री राम प्रतिमा का मॉडल डिस्प्ले के बाद से एक बार फिर प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया है. दरअसल, बीजेपी सांसद बक्सर में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद जिला प्रशासन और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के सामने भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा के मॉडल का प्रदर्शन हुआ. वहीं, अश्विनी चौबे ने जल्द ही जिले में 1008 फीट की श्री राम प्रतिमा बनाने की बात कही, लेकिन केंद्रीय मंत्री के दावे पर एक संत ने ऐसी भविष्यवाणी कर दी कि इस पर बयानबाजी तेज हो गई.
भगवान राम की प्रतिमा का मॉडल डिस्प्ले
2024 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने रह गए हैं. लिहाजा सत्ताधारी दल से लेकर विपक्ष के नेता जनता को गोलबंद कर जीत सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं. बात करें बीजेपी की तो पार्टी ने लोकसभा सीट को लेकर अपना ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से 31 लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अकेले चुनाव लड़ेंगे. जबकि 9 सीट गठबंधन के सहयोगी दलों को दी जाएगी. यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने सांसदों को अपने अपने इलाके में जमीन पर काम करने का निर्देश दिया है. इसके बाद बीजेपी के तमाम सांसद अपने-अपने इलाके में पहुंचकर लगातार कई कार्यक्रम कर रहे हैं और लोक-लुभावन वादे भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में जब 20 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर पहुंचे अश्विनी कुमार चौबे ने सांसद रोजगार मेले का आयोजन करवाया और जिले में बनने वाले श्री राम प्रतिमा का मॉडल डिस्प्ले करवाया तो प्रदेश में सियासत तेज हो गई.
संत की 'भविष्यवाणी' पर सियासत तेज
दरअसल, रोजगार मेले के बाद देर शाम विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्री राम की प्रतिमा का मॉडल डिस्प्ले कराया गया और चुनाव से पहले रामरेखा घाट पर प्रतिमा लगाने की बात कही गई, लेकिन अश्विनी चौबे के इस दावे को लेकर उस वक्त सियासत तेज हो गई जब राम जानकी मठ के मंहत संत राजाराम दास जी महाराज ने अश्विनी चौबे के आश्वासन को जुमला बता दिया और कह दिया कि बक्सर में श्री राम की प्रतिमा नहीं लगेगी. क्योंकि सालों से लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.
कांग्रेस ने अश्विनी चौबे पर साधा निशाना
संत के बयान के बाद जहां एक तरफ बीजेपी नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस पर जमकर बीजेपी को आड़े हाथ ले रही है. कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी का कहना है कि रामरेखा घाट के जिस भूखंड पर भगवान राम की 1 हजार 8 फ़ीट की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की बात कही जा रही है. वहां सांसद ने गरीबों के लिए बहुमंजिला इमारत बनाने की स्वीकृति दी है. कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि ये गजट में भी है और दस्तावेज भी दिखाए. उन्होंने साथ ही अश्विनी चौबे पर जनता को गुमराह करने का आरोप भी लगाया.
जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप
गौरतलब है कि नवंबर 2022 में अहिल्या का उद्धार स्थली अहिरौली में संत समागम का आयोजन किया गया था. उस संत समागम में पहुंचे संत रामभद्राचार्य की ओर से ये घोषणा की गई थी कि भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा बक्सर में स्थापित होगी. अब जब श्री राम प्रतिमा का मॉडल डिस्प्ले कर निर्माण की कवायद तेज हो रही है तो इसपर जमकर सियासत भी होने लगी है.