पुलिस-जज विवाद: रौब दिखाने के लिए चर्चित रहा है कोर्ट में जज पर हमला करने वाला थानेदार, सामने आई ये जानकारी

कोर्टरूम में पीटने वाले पुलिसकर्मियों पर काफी सवाल उठ रहे हैं.

Update: 2021-11-21 10:30 GMT

मधुबनी: बिहार के मधुबनी में जज अविनाश कुमार को कोर्टरूम में पीटने वाले पुलिसकर्मियों पर काफी सवाल उठ रहे हैं. इनमें से एक, दारोगा गोपाल कृष्ण मधुबनी पुलिस कप्तान के चहेते अफसरों में से एक रहे हैं. गोपाल कृष्ण जिला तकनीकी सेल में भी दो साल तक पदस्थापित रह चुके हैं. साथ ही टाउन थाना में जेएसआई के पद पर भी रहे.

गोपाल कृष्ण एसपी के आवास पर भी कई महीनों तक ड्यूटी कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, घोघरडीहा थाना में पोस्टिंग होने के बाद से ये अपने तेवर को लेकर चर्चा में रहे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि SHO बनने के बाद वर्दी का रौब दिखाकर गोपाल कृष्ण कई लोगों के साथ मारपीट भी कर चुके हैं. उन पर जिले के भोलीरही गांव के रहने वाले जेई दीपक कुमार के घर पर जा कर परिजनों के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लग चुका है.
वहीं, दूसरे आरोपी SI अभिमन्यु शर्मा इससे पहले मधेपुर थाना, राजनगर थाना और ललमानियां थाना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. कुल मिलाकर डेढ़ से दो साल में अभिमन्यु शर्मा का ट्रांसफर चार थानों में हो चुका है. जहां, लोकसभा चुनाव के दौरान राजनगर थाना में इन पर कार्रवाई भी हुई.
बता दें कोर्टरूम में पुलिसकर्मियों ने जज से मारपीट से पहले कहा था कि ''तुम्हारी क्या औकात है, आज तुम्हें बताते हैं, आज तुम्हें दुनिया से ही रुख़सत कर देते हैं, क्योंकि तुमने हमारे बॉस एसपी साहब को भी परेशान कर रखा है... बॉस के आदेश पर ही हम तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाने आए हैं.'
ADJ अविनाश कुमार अजीबोगरीब फैसले को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. लोकहा थाना काण्ड संख्या 130/21 के मामले में फैसला सुनाते हुए एक धोबी को उसके ही गांव की तमाम महिलाओं के कपड़े धोने की शर्त पर ज़मानत देने को लेकर सुर्खियों में रहे. वहीं एक शिक्षक को 1 से 5 क्लास तक के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का फरमान सुना डाला. साथ ही केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें मधुबनी के मौजदा एसपी डॉ. सत्यप्रकाश कानून सिखाने को कहा. इसी बयान को लेकर भी दोनों पुलिसकर्मी गुस्से में थे और उन्होंने एडीजे पर पिस्टल तान दी.
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