BIHAR NEWS: पीएम मोदी ने नालंदा विवि के नए परिसर का किया उद्घाटन

Update: 2024-06-19 06:51 GMT

बिहार Bihar: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज उच्चतम शिक्षा के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण Best Teaching संस्थान खुल रहे हैं। अब भारत के शिक्षण संस्थान वैश्विक हो रहे हैं। नालंदा विवि को भी दुनिया के हर इलाके में जाना जाता है। दुनिया बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। नालंदा की यह धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नए आयाम दे सकती है। आने वाले 25 साल भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। नालंदा विवि के विद्यार्थियों के लिए आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं। आप अपने ज्ञान को समाज को एक सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयोग करिए। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण कीजिए। नालंदा का गौरव भारत का गौरव है। आपके ज्ञान से पूरी मानवता नई दिशा मिलेगी। मुझे विश्वास है कि हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे। आप देखिए दो दिन बाद ही 21 जून को विश्व योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों किस्में मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने आज सम्पूर्ण विश्व योग को मनाने के लिए गहन शोध किया है। आज आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन के रूप में देखा जा रहा है। हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चलेंगे। भारत ने विश्व को मिशन लाइफ जैसा विजन दिया।

प्रधानमंत्री Prime Minister ने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत विश्व के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा का अर्थ यह है कि जहां शिक्षा और ज्ञान के दाह का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा लिंक से परे है। नफा-नुकसान के नजरियों से भी परे है। शिक्षा ही हमें सिखाती है। यह विचार और आकार देती है। नालंदा में बच्चों के एडमिशन में उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता को देखना संभव नहीं था। नालंदा में 20 से अधिक देश लोगेल थे। नालंदा विवि एशियाई भारत विश्वविद्यालय की दिशा में भी काम कर रही है। 21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जा रहा है। हमारा साझा प्रयास दुनिया की नई प्रगति को दिशा देगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरे पीएम की शपथ लेने के 10 दिन के अंदर यहां आने का मुझे सौभाग्य मिला है। नालंदा विश्वविद्यालय हमारी पहचान है। पुस्तकें भले ही जल जाए लेकिन आग की लपेटे ज्ञान को नहीं मिटा पाती। इसके बाद से भारत के स्वर्णिम युग की स्थापना की शुरुआत होने जा रही है।

यह भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पूर्णजागरण नहीं है। इसमें एशिया के कई देशों की विरासत जुड़ी हुई है। इस कार्यक्रम में मैं अपने मित्र देशों के उपस्थित लोगों का अभिनंदन करता हूँ। मुझे सौभाग्य है कि सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को भी अच्छा लग रहा होगा यहां आने से। यह बहुत ही पौराणिक स्थान है। राजगीर दुनिया के पांच धर्मों का संगम स्थल है। सिख धर्म के गुरु नानकदेव भी यहीं आए थे। मुस्लिम धर्म के महान संत मखदूम साहब को राजगीर में ही ज्ञान प्राप्त हुआ। हिंदू धर्म का मेला हर तीसरे वर्ष मनाया जाता है। मान्यता है कि उस समय 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं। यहाँ गर्म पानी का कुंड है। लाखों लोग यहां आते हैं। मैं तो बचपन से यहां रहता हूं। पीएम मोदी से उन्होंने कहा कि आप आ गए हैं तो बहुत अच्छा हुआ। आपको बहुत अच्छा लगेगा। सैकड़ों साल पुराना पहाड़ और जंगल है। इनमें जड़ी-बूटियों का भंडार है। एक से एक दवा यहाँ से निकलती है।

इतना ज्यादा राजगीर का महत्व है। बड़े पैमाने पर ईको पर्यटन का विकास किया गया है। सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि आप पहली बार यहां आएंगे। पुराने विश्वविद्यालय के उत्तराधिकारी आज भी जस का तस है। नालंदा विवि की पहचान ज्ञान के केंद्र में रही। पहले यहां 15 हजार छात्र थे। देश और दुनिया के अनेक स्थानों के लोग आते थे। चीन, जापान, श्रीलंका समेत अन्य कई देशों के लोग यहां आते थे। 12वीं सदी में यह नष्ट हो गया था। मार्च 2005 तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नालंदा विवि को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। हालाँकि बाद में उन्होंने इनकार कर दिया था, लेकिन जब वह विधान मंडल आए तो उन्होंने यह बात कही थी कि नालंदा विवि को फिर से स्थापित करना चाहिए। नए नालंदा विवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाना था इसलिए हम लोगों केंद्र सरकार से बात की लेकिन उस समय मदद नहीं मिली। इसके बाद हमलोगों ने नया कानून ही बनाया। फिर राज्य सरकार ने नए विवि के लिए 455 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। इन सब बातों को बताना जरूरी है। ताकि लोग पुरानी बात भी जान सकें कि कैसे क्या बनाएं। मिला है। नालंदा विश्वविद्यालय हमारी पहचान है। पुस्

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