फिजियोथेरेपिस्ट की दो दिवसीय कार्यशाला शुरू

Update: 2023-03-17 12:30 GMT

रोहतास न्यूज़: कुष्ठ रोग नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा लगातार कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं. साथ हीं कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में कई प्रकार के प्रशिक्षण व कार्यशाला भी आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में प्रखंड क्षेत्र के जमुहार स्थित रुद्रपुरा मॉडल लेप्रोसी कंट्रोल यूनिट में से दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला शुरू किया गया.

प्रशिक्षण शिविर में 15 जिला के करीब 30 कुष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट शामिल हुए. कुष्ठ से पीड़ित मरीजों को फिजियोथेरेपी के माध्यम से शरीर में जटिलताओं, विकृतियों और अक्षमता को रोका या कम करने के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की तैयार शुरू की गई है. बताते चलें कि लेप्रोसी विभाग के फिजियोथेरेपी और चिह्नित कर्मियों के लिए दो दिवसीय समीक्षात्मक बैठक एवं कार्यशाला में रोहतास, अरवल, जहानाबाद, कैमूर, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, बक्सर, औरंगाबाद, भोजपुर, नवादा, मुंगेर और बांका के जिला कुष्ठ निवारण केंद्र में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट और इससे जुडे कर्मियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में डीएफआईटी (डेमिन फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट) से आए कर्मी, कुष्ठ विभाग से जुड़े सभी फिजियोथेरेपिस्ट एवं चिह्नित कर्मियों को प्रशिक्षित दिया गया. प्रशिक्षक डेमियन फाउंडेशन के सचिव डॉ. एम शिवकुमार, सीएमए डॉ. अशीष वाघ, नन्हे सिंह, उमेश खरखर, रामा राव ने बताया कि कुष्ठ बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. साथ हीं कुष्ठ से पीड़ित हो चुके लोगों में कुष्ठ को बढ़ने से रोकने एवं दिव्यांगता से बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है. कुष्ठ रोग को बढ़ने से न रोका गया तो यह बीमारी विकलांगता के लक्षण तक पहुंचा देती है. इसलिए शुरुआती दौर में ही कुष्ठ की पहचान कर इसका इलाज जरूरी है. कुष्ठ रोग में हाथ पैर के साथ-साथ अंगुलियों में टेढ़ापन होने लगता है. ऐसे में यदि समय से इसका इलाज और देखभाल नहीं किया गया तो यह दिव्यांगता का रूप धारण कर लेती है. प्रशिक्षण में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रविरंजन, एनके मिश्रा समेत अन्य उपस्थित थे.

Tags:    

Similar News

-->