दियारा क्षेत्र के लोग आर्सेनिकयुक्त पानी पीने को मजबूर
कहीं आयरन तो कहीं आर्सेनिक पानी अब भी पीने को लोग मजबूर
मुंगेर: आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले के गंगा नदी से सटे दियारा इलाकों में आमलोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुई है. हालात ऐसी है कि कहीं आयरन तो कहीं आर्सेनिक पानी अब भी पीने को लोग मजबूर हं.
गौरतलब है कि आयरन एवं आर्सेनिक पानी पीने से स्वास्थ पर काफी प्रतिकुल असर पड़ता है. खासकर नौनिहालों की जीवन खतरे में रहता है. ज्यादातर बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं. तारापुर दियारा पंचायत की बात करें तो यहां कि फुलकिया व दिवानी टोला में कई लोग कम उम्र में ही केंसर से पीड़ित हैं तो कई लोगों की मृत्यु भी हो गई है. आर्सेनिक पानी से हो रहे बीमारियों से लोग सहमे रहते हैं. दियारा क्षेत्र के लोग कई वर्षों से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक लोगों की मांगों को दरकिनार कर दिया जाता है. अब जबकि लोक सभा चुनाव सामने हैं तो ऐसे में दियारावासी अपने गांव में नेताओं के आने का इंतजार भी कर रहे हैं. लोग अपनी मांगों से नेताओं को अवगत कराने के लिये भी व्याकुल है.
● तारापुर दियारा में है आर्सेनिक की सबसे ज्यादा समस्या
● कुपोषण और कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हो रहे लोग
● दूर से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं दियारा के लोग
मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना का शत प्रतिशत लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. यहां के पानी में 110 प्रतिशत आर्सेनिक है. जिसका प्रतिकुल असर गांव के बच्चों के साथ ही सभी वर्गों के लोगों पर पड़ रहा है. लगाए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हाथी का दांत साबित हो रहा है. - घनश्याम मंडल, दिवानी टोला.
जिस पानी से कपड़ा साफ करने पर कपड़ा पीला हो जाता है, उस पानी से स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ सकता है, यह अंदाज लगाया जा सकता है. पानी की गुणवत्ता काफी खराब है. जिसका स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ता दिख रहा है. नल जल व्यवस्था भी सही नहीं है. - शारदा देवी, पंच दिवानी टोला.
नलजल व्यवस्था सिर्फ देखने के लिये रह गई है. पीने के लिये पानी बाहर से लाना पड़ता है. जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस ओर न ही कोई अधिकारी और न ही कोई जनप्रतिनिधि ही विशेष ध्यान दे रही है. यहां की जनता भगवान भरोसे है. पानी सुद्ध नहीं मिलने से लोगों को परेशानी हो रही है. - किशुन मंडल, दिवानी टोला.