बक्सर न्यूज़: पटना-बक्सर फोरलेन का कार्य संपन्न होने के बाद सड़क हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हाईवे पर फर्राटा भरने की चाह में अब तक दर्जनों लोग अपनी जिंदगियां गंवा चुके हैं. जबकि, कई लोग अपंग बनकर जिल्लत की जिंदगी जी रहे हैं.
बक्सर से कोईलवर तक कुल 92 किलोमीटर लंबी सड़क पर कई ऐसे डेंजर जोन हैं, जहां आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. हालांकि, एनएचएआई की कंसल्टेंसी टीम ने एनएच-922 के किसी भी स्थान को अभी तक ब्लैक स्पॉट घोषित नहीं किया है. लेकिन, पब्लिक की नजर में दुर्घटना वाले स्थान ब्लैक स्पॉट बन गए हैं. पटना-बक्सर फोरलेन का कार्य संपन्न होने के साथ भरौली व बक्सर के बीच गंगा नदी पर नवनिर्मित पुल भी चालू हो गया है. इससे इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन काफी बढ़ गया है. सड़क का कार्य शुरू होने से पहले एवं निर्माण के दौरान भी हादसे होते थे. लेकिन, सड़क के बनने के बाद वाहनों की आवाजाही जैसे ही बढ़ी, अचानक हादसों में वृद्धि हो गई. पिछले एक साल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जिले के ब्रह्मपुर, योगियां टॉवर, नुआंव, धरहरा, नया भोजपुर, नावाडेरा, प्रतापसागर, भैंसहा, दलसागर व चुरामनपुर के आस-पास की लगभग पांच सौ मीटर दूरी तक सड़क डेंजर जोन बन गई है. इन स्थानों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं. कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के नुआंव गांव के पास फोरलेन पर बाइक हादसे में करण कुमार नामक एक युवक की हुई मौत इसका ज्वलंत उदाहरण है. बताया जाता है कि नुआंव गांव के पास फोरलेन पिछले छह माह के भीतर लगभग आधा दर्जन लोग अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं.
दुर्घटना में कमी के बजाय बढ़ रहे नए डेंजर जोन
जिले की सीमा में महाराजगंज से बक्सर तक डेंजर प्वाइंट इस कदर बढ़ रहे हैं कि राहगीर सफर के दौरान किसी अनहोनी को लेकर हमेशा सशंकित रहते हैं. वैसे देखा जाए तो सड़क हादसों में कमी लाने के लिए विभागीय अधिकारी रोड सेफ्टी को लेकर अक्सर बैठक करते हैं. बैठक के दौरान कहां-कहां हादसे हुए, हादसों का क्या कारण रहा सहित सुरक्षा से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हैं. फिर भी हालात यह है कि सड़क हादसों में कमी होने की बजाय उसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. क्षेत्रीय बैकुंठ चौबे, सुरेश सिंह, कमल किशोर ने बताया कि जिला प्रशासन समय रहते कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में सड़क हादसे में और बढ़ोतरी हो सकती है.