बिहार विभिन्न सरकारी विभागों या दूसरे स्थानों पर सुरक्षा समेत अन्य कार्यों में तैनात गृह रक्षा वाहिनी के जवानों के वेतन से काटी गई ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) मद की राशि जमा नहीं की जाती है.
कटौती की गई इस राशि को समय पर जमा नहीं करने के कारण 36 जिलों की गृह रक्षा वाहिनी के कार्यालयों या जिला इकाइयों पर 13 करोड़ 23 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय के स्तर से यह जुर्माना लगाया गया है. गौर हो कि राज्य में करीब 40 हजार होमगार्ड जवान कार्यरत हैं. इनमें से 25 हजार से अधिक जवान इससे प्रभावित हैं. जानकारी के मुताबिक कुछ जिला कार्यालयों के जवानों का कई महीनों से ईपीएफ जमा नहीं किया गया है. ऐसे 18 जिलों के ईपीएफ कार्यालयों पर 8 करोड़ 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही इन जिला कार्यालयों से जुड़े सभी गृह रक्षा वाहिनी के जवानों के ईपीएफ खातों को भी होल्ड या रोक लगा दी गई है. इससे इन जवानों के ईपीएफ खाते में समस्या हो गई है. इसका सीधा असर इन खातों में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर भी पड़ेगा. इससे सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली एकमुश्त राशि में भी कमी आएगी.
कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय सर्वे क्यों नहीं हुए
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पूरे देश में जातीय जनगणना की बात करने वाले राहुल गांधी बताएं कि आज जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया गया? जारी बयान में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को बताना चाहिए कि कर्नाटक में जो सर्वे कराया गया, उसकी रिपोर्ट अब तक जारी क्यों नहीं हुई?
उन्होंने कहा कि 2010 में यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि देश भर में जातीय जनगणना कराना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं. नेहरू सरकार ने 1951 में नीतिगत निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के दौरान केवल अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़े जुटाये जा सकते हैं. बाद की सभी केंद्र सरकारों ने यही नीति जारी रखी. भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे का काम जब पूरा हो चुका है, तब सरकार बताये कि इसकी रिपोर्ट कब जारी होगी?