Patna: गर्मी में ट्रांसफॉर्मर गर्म हो रहे हैं तो ट्रीपिंग की समस्या भी बढ़ी

गर्म हुए ट्रांसफॉर्मर बिजली की आंखमिचौनी बढ़ी

Update: 2024-06-11 11:00 GMT

पटना: आग उगलती गर्मी की बीच बिचली की आंखमिचौनी लोगों के लिए मुसीबत बन गयी है. ट्रांसफॉर्मर गर्म हो रहे हैं तो ट्रीपिंग की समस्या भी बढ़ गयी है. ऊपर से कभी मेंटेनेंस तो कभी फ्यूज कॉल के कारण बार-बार बिजली कट हो रही है. खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. खासकर रात में बत्ती गुल होती है तो लोगों की नींद खराब होती है. बिना रुकावट बिजली बहाल रखने में विभाग हांफ रहा है.

गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एसी, कूलर और पंखे का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. बिजली की खपत में अप्रत्याशित इजाफा हो गया है. लोड बढ़ने के कारण जिले के कई पावर ट्रांसफॉर्मर ओवर लोड चल रहे हैं. डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों के जलने की शिकायतें नित्य दिन आ रही हैं. नौबत ऐसी कि शहर हो या गांव, बिजली कब कट जाएगी. इसका कोई ठिकाना नहीं हैं. भले ही बिजली कंपनी निर्बाध आपूर्ति का दावा करती है. खासकर शाम के वक्त बत्ती गुल होती है तो परेशानी ज्यादा बढ़ती है. जिले में खपत के अनुसार बिजली मिल रही है. हर दिन औसतन 290 एमवी बिजली की खपत हो रही है. लेकिन, आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहना बिजली कट की मुख्य वजह है. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एसी और कुलर का इस्तेमाल रहे हैं. बिजली की मांग बढ़ने से कई ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हो गये हैं. अर्थिंग की समस्या के कारण कुछ जगहों पर लो वोल्टेज के झमेले से भी उपभोक्ता जूझ रहे हैं. बिजली रहने के बाद भी ठीक से उपकरण काम नहीं करते हैं. जिनके घरों में इन्वर्टर लगा है उन्हें तो राहत मिलती है. लेकिन, जो बिजली के भरोसे हैं वे फजीहत झेलते हैं.

अनियमित आपूर्ति का असर खेती व कारोबार पर: बिजली की अनियमित आपूर्ति का असर खेती के साथ कारोबार पड़ रहा है. खासकर प्रखंडों मुख्यालयों के बाजारों में शाम में बत्ती गुल होने पर दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को फजीहत उठानी पड़ती है. बिन बिजली समय से पहले बाजारों में सन्नाटा पसर जा रहा है. जबकि, दिन में नियमित बिजली न मिलने पर गरमा व सब्जी की फसलों को पटवन करने में किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है.

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