Patna: अबतक 1435 बच्चों का ही स्वास्थ्य आईडी कार्ड बना
हर माह बच्चा पड़ रहा बीमार
पटना: राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के छह साल तक के बच्चों का स्वास्थ्य आईडी कार्ड बनाया जाना था. दो साल पहले शुरू हुई इस योजना की जमीनी हकीकत ये है कि 93 लाख 89 हजार बच्चों में मात्र 1435 बच्चों का ही अबतक स्वास्थ्य आईडी कार्ड बना है. कार्ड बनाने की जिम्मेवारी समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) निदेशालय की थी. अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों में यह शुरू भी नहीं हो पाया और न सेविकाओं को इसकी जानकारी है. ऐेसे में आपके अपने और निदेशक से बात की गयी.
सभी ने स्वीकार किया है स्वास्थ्य आईडी कार्ड नहीं बना है.
आंगनबाड़ी केंद्र के सभी बच्चों का स्वास्थ्य आईडी कार्ड बने, इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति को फिर एक बार पत्र लिखा गया है. जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा. सभी सेविका और सहायिका को प्रशिक्षण दिया जाएगा. केंद्र की सेविका सभी बच्चों के अभिभावकों को कागजात की जानकारी देकर उसे बनवायेंगी.
-कौशल किशोर
निदेशक, आईसीडीएस बिहार
स्वास्थ्य आईडी बनने की कोई सूचना नहीं है
स्वास्थ्य आईडी कार्ड बनवाने के लिए अभी कोई सूचना नहीं है. जिलेभर में केवल 46 बच्चे का ही कार्ड बना है. शेष बच्चे का स्वास्थ्य आईडी बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कार्ड बनना शुरू नहीं हो पाया है. जबकि जिलेभर में चार लाख से अधिक बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित हैं. -नैयर
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, पटना जिला
अभिभावक आये दिन पूछताछ के लिए आते हैं आंगनबाड़ी केंद्र
अभी आंगनबाड़ी केंद्र में 40 बच्चे नामांकित हैं. इसमें चार बच्चों का ही स्वास्थ्य आईडी कार्ड बना हुआ है. आए दिन अन्य अभिभावक पूछने आते है. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस की तरफ से कोई भी कार्ड बनवाने आएगा तभी तो सभी बच्चों का कार्ड बनेगा.
-समृदुल खातून, सहायिका, कृष्णापुरी स्टेट बैंक आंगनबाड़ी केंद्र
कई अभिभावकों के पास कार्ड बनाने को कागजात नहीं
स्वास्थ्य आईडी कार्ड किसी भी बच्चे का नहीं बना है. अभिभावकों के पास बच्चों के तमाम कागजात नहीं है. वहीं राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से एएनएम कार्ड बनवाने को नहीं आई है. अभी किसी भी बच्चे के पास स्वास्थ्य आईडी कार्ड इस सेंटर पर नहीं है.
-आशा कुमारी, सेविका, झोपड़पट्टी आंगनबाड़ी केंद्र