Patna: स्वास्थ्य केंद्र में परिवार कल्याण स्वास्थ्य मेला का आयोजन हुआ

दो बच्चे वालों को बंध्याकरण व नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया गया.

Update: 2024-07-29 09:45 GMT

पटना: सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार कल्याण स्वास्थ्य मेला लगा. इसमें लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी दी गयी. योग्य दंपतियों को अस्थाई साधनों के बारे में बताया गया. वहीं दो बच्चे वालों को बंध्याकरण व नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया गया. मेला में दो दर्जन से अधिक योग्य दंपतियों ने कंडोम समेत अन्य गर्भनिरोधक गोलियों लीं. जिला मना रहा है. इसमें 1590 बंध्याकरण व 5 नसबंदी करने का लक्ष्य है.सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है. मेला के माध्यम से परिवार नियोजन का प्रचार प्रसार एवं जनसंख्या नियंत्रण के उपाय बताए जा रहे हैं. परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह राज्य एवं देश के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है.

परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता है कि उसे कब और कितने बच्चे चाहिए. मेला के माध्यम से परिवार नियोजन के सभी अस्थाई साधन माला एन, इजी पल्स, छाया, कॉपर टी, अंतरा सूई, कंडोम और स्थाई साधन बंध्याकरण व नसबंदी की जानकारी बैनर पोस्टर के माध्यम से दी गई. नोडल पदाधिकारी डॉ. कुमकुम प्रसाद ने बताया कि जिला स्तरीय टीम प्रखंडों का निरीक्षण कर रही है.

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया सभी आशा तक परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि, योग्य दंपती और इच्छुक व्यक्ति वहां से इसे आसानी से ले सके. इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के उज्ज्वल कुमार, डीसीएम साजिद हुसैन, शशिकांत कुमार और अन्य मौजूद थे.

राजगीर हवाई अड्डे के लिए उठी स्थल बदलने की मांग

राजगीर पर्यटक नगरी में हवाई अड्डा बनाने की योजना पर काम चल रहा है. इसके लिए मेयार-बढ़ौना मौजा में जगह का चयन किया जाना है. मनसा मंदिर के महंत भोला महतो ने स्थल बदलने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि इस मंदिर की स्थापना सिद्ध पीठों के पुजारी के परामर्श पर दशकों पहले बढ़ौना में किया गया है. यहां हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं. वर्ष में दो बार विशेष पूजा व यज्ञ भी होता है.

बुद्धिजीवी डॉ. सत्येंद्र प्रसाद व सर्वेश प्रसाद ने बताया कि विभिन्न नगरों में सुरक्षा सहित अन्य कारणों से प्रसिद्ध संस्थाओं से दूरी पर हवाई अड्डा का निर्माण किया जाता है. ऐसे में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र सहितआईटीसी के अंचल से इसे दूर रखना व्यावहारिक एवं भविष्य में विस्तार के लिए अपेक्षित प्रतीत होता है.

इस स्थिति में इसे छबीलापुर से पश्चिम-दक्षिण सहित अन्य स्थल का चयन करने की उन्होंने सलाह दी है.

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