Patna: पारिवारिक कलह और अशांति आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण बन रहा है: रिपोर्ट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े चौकाने वाले है

Update: 2024-09-28 10:45 GMT

पटना: पारिवारिक कलह और अशांति आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण बन रहा है. आंकड़े के अनुसार प्रत्येक एक लाख लोगों में 12 की जान आत्महत्या से जाती है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े चौकाने वाले है. आंकड़ों की मानें तो 34 आत्महत्याओं का कारण पारिवारिक समस्याएं है. 18.1 लोग बीमारी से, साढ़े पांच प्रतिशत प्रेम प्रसंग के कारण, 4.8 आर्थिक तंगी और परीक्षा में असफलता से 3.4 लोग आत्महत्या कर रहे हैं. भारत में 2023 में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की. 2022 की तुलना में यह 2.4 अधिक था. एनसीआरबी की मानें तो हर साल ढाई से 3की गति से आत्महत्या दर बढ़ रही है. उम्र के आधार पर 2023 में सबसे ज्यादा आत्महत्या 15 वर्ष से 29 वर्ष के किशोर और युवाओं ने की. इनकी संख्या आत्महत्या से होनेवाली कुल मौत का 35.5 (57,979 केस) रहा था. 30 से 44 साल के लोगों में दर 31.4 (51453 ) है.

महिलाओं की तुलना में ज्यादा आत्महत्या करते हैं पुरुष एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की अपेक्षा पुरुष आत्महत्या ज्यादा करते हैं. पुरुषों में आत्महत्या की दर महिलाओं की तुलना में ढाई गुना तक ज्यादा है. 2023 के आंकड़े के अनुसार भारत में 1,16,677 पुरुषों ने आत्महत्या की . 47,356 महिलाओं ने आत्महत्या की, जो कुल आत्महत्या का 28.9 है. नई दिल्ली एम्स के पूर्व मानसिक रोग विशेषज्ञ और हेल्दी माइंड क्लिनिक के निदेशक डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि युवाओं में आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है.

आत्महत्या के महत्वपूर्ण कारण

पारिवारिक समस्याएं 33.6

बीमारी 18.1

प्रेम प्रसंग 5.5

आर्थिक तंगी 4.8

शैक्षणिक असफलता 3.4

कैसे हो सकता है बचाव

मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से मदद लेने, विश्वासपात्र वयस्कों या दोस्तों से बात करने, खेलकूद, योगा, पार्कों, पर्यटक केंद्रों पर घूमने जैसी स्वस्थ गतिविधियों में शामिल होने और अपनी देखभाल के अभ्यास से इस प्रवृत्ति से बचा जा सकता है. मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता को बढ़ावा देना चाहिए. स्कूल, समुदाय और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करने और समय पर हस्तक्षेप की पेशकश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

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