Patna: जिला प्रशासन की टीम सरकारी राशि खर्च को लेकर स्कूल की जांच करेगी

खराब आपूर्ति करने वालों पर होगी कार्रवाई

Update: 2024-06-27 07:45 GMT

पटना: जिले में दो हजार 384 सरकारी स्कूल चलाए जा रहे हैं. इन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं बहाल करने के लिए शिक्षा विभाग पानी की तरह पैसा खर्च कर रहा है. लेकिन, सरकारी राशि का कितना सदुपयोग किया जा रहा है, इसकी हकीकत जानने के लिए जिला प्रशासन की टीम स्कूल पहुंच कर जांच करेगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्कूलों में उपलब्ध करायी गयी बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की फिर से जांच कराने का आदेश दिया है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने 7 2024 को वरीय अधिकारियों के साथ सरकारी स्कूलों में चल रही योजनाओं की समीक्षा की थी.

बेंच-डेस्क की जांच पर सवाल उठने का मामला सामने आया था. अपर मुख्य सचिव ने निरीक्षी पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि जब पूर्व में ही बेंच-डेस्क/फर्नीचर व वर्तन और सब्मर्सेबल की जांच सख्ती के साथ सौ फीसद की गयी तो फिर खराब गुणवत्ता की आपूर्ति /अनियमितता की शिकायत अब मुख्यालय को क्यों प्राप्त हो रही है. इन सभी की पुन सख्ती से जांच होनी चाहिए. डीएम को इसके लिए अलग से निदेश जारी करने पर सहमति बनी है.

वंचित स्कूलों को करना होगा इंतजार डीईओ राजकुमार ने बताया कि जिन स्कूलों के बेंच-डेस्क की आपूर्ति नहीं करायी जा सकी है, उन्हें अभी इंतजार करना होगा. एजेंसी द्वारा उपलब्ध करायी गयी बेंच-डेस्क की जांच पूरी होने बाद ही आगे निर्णय लिया जायेगा कि बेंच-डेस्क की आपूर्ति कराने की जिम्मेवारी किन एजेंसियों को सौंपी जाये. खराब गुणवत्ता की बेंच-डेस्क की आपूर्ति करने वाले एजेंसी पर कार्रवाई होना तय है.

जांच में मिली भिन्नता तो नपेंगे अधिकारी: निरीक्षण कार्य का अनुश्रवण डीएम व डीडीसी करेंगे. शिक्षा विभाग के जिलास्तरीय पदाधिकारी और डीएम की जांच रिपोर्ट में भिन्नता पायी जायेगी तो माना जायेगा कि जानबूझकर जांच में लापवाही बरती गयी है. शिक्षा विभाग के संबंधित जांच अधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी.

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