मुजफ्फरपुर: एनएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्या सचिव प्रत्यय अमृत निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने डेंगू संक्रमितों से मिलकर अस्पताल की इलाज व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि संक्रमितों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी.
अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे प्रधान सचिव ने अस्पताल में मिशन परिवर्तन के तहत चल रहे विकास कार्यों का अवलोकन किया. उन्होंने दवा वितरण काउंटर का निरीक्षण के दौरान वहां अव्यवस्था देकर इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट है. डेंगू पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जा रही है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन, उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिन्हा व नोडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मेडिसिन विभाग में डेंगू मरीजों के लिए बीस बेड आरक्षित है, जबकि दस बेड शिशु विभाग में आरक्षित रखा गया है. मरीज बढ़ने पर बेड बढ़ाए जाएंगे. अस्पताल में दवा व संसाधन है. इस दौरान राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह, डॉ निहारिका शरण, डॉ रत्ना शरण, बीएमएसआईसीएल के एमडी दिनेश कुमार, डीजीएम सुनील कुमार सुमन मौजूद थे.
विटामिन डी की कमी वालों को ज्यादा परेशान कर रहा
अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है डेंगू हो जाए तो सामान्य की तुलना में बीमारी ज्यादा गंभीर असर करती है. ये बातें पीएमसीएच के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. बीके चौधरी ने कहीं.
बताया कि पिछले दो सालों में उन्होंने डेंगू के 300 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया है. उनमें कई गंभीर भी थे. सभी की खून की जांच कराई गई थी. उनके नेतृतव में पीजी डॉक्टरों ने पीड़ितों की जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया. डॉ. बीके चौधरी ने बताया कि जिन मरीजों में विटामिन डी की कमी थी, वे ज्यादा गंभीर रहे. उनमें से कई को अस्पताल में भी भर्ती कराने की जरूरत पड़ी. लेकिन जिन लोगों में विटामिन डी की मात्रा सही थी, उन लोगों में डेंगू का असर बहुत ज्यादा गंभीर नहीं रहा. यही नहीं ऐसे लेाग जल्दी ठीक भी हुए. बताया कि 80 प्रतिशत शहरी आबादी में विटामिन डी की कमी पाई जा रही है. कई शोधों में यह बात सामने आई है.