मधेपुरा। मधेपुरा जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में सुपौल जिले के थुमहा निवासी एक मरीज ने गले में गमछा बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना रविवार की देर शाम की है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गई। पत्नी का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।
मृतक की पहचान सुपौल जिले के थुमहा निवासी मुन्ना चौधरी (41) के रूप में की गई। बताया जा रहा है कि इससे पूर्व भी उसने दिल्ली में एक बार आत्महत्या का प्रयास किया था। शनिवार की रात को ही वह अपने परिजनों से खुद को काफी निराश बताया था।
उसे डायबटीज के साथ-साथ पेशाब की समस्या थी। मृतक के भाई अशोक चौधरी ने बताया कि परेशानी को देखते हुए मुन्ना चौधरी को इलाज के लिए 15 दिन पहले मेडिकल कॉलेज में। भर्ती कराया गया था। तब से ही यहां उसका लगातार इलाज चल रहा था।
उन्होंने बताया कि उनके भाई का इलाज मेडिकल कॉलेज के चार नंबर बिल्डिंग के पहले तल पर चल रहा था। रविवार की देर शाम को वह मौका पाकर अपने बेड से उठकर कहीं चले गए। काफी देर तक उसे नहीं देखने के बाद पूरे मेडिकल कॉलेज में उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई।
इस दौरान कई गार्डों से भी जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। बाद में एकाएक चार नंबर बिल्डिंग में गार्डों की हलचल देख उन्हें शक हुआ और वह भी उसके पीछे-पीछे चल दिए। तब पता चला कि बिल्डिंग चार के ही पांचवें तल पर एक शव गमछी से पाइप में लटका हुआ है। जब स्थल पर पहुंचे तो देखा कि उनके भाई का ही शव पाइप से लटका हुआ था।
60 हजार रुपए का कर्ज था
पत्नी नीलम देवी ने बताया कि वह काफी दिनों से बीमार थे और अपने बीमारी से वह तंग रहते थे और कोरोना वायरस में से किसी भी तरह के काम नहीं करने के कारण आर्थिक तंगी के कारण उनपर करीब 60000 उसके ऊपर कर्ज का भी बोझ था। जिसको लेकर वह हमेशा तनाव में रहते थे। भाई अशोक चौधरी ने बताया कि उसके जेहन में बस बेटी की शादी और कर्ज का बोझ की बातें हमेशा चलती रहती थी।
बार बार बेटियों की शादी करवा देने की छोटे भाई से करते थे बात
भाई अशोक चौधरी कहते हैं कि मुन्ना भैया बार-बार कहते थे मेरे बेटी का शादी तो तुम करवा दोगे ना, मेरे घर का तुम ख्याल रखोगे ना, भाभी का भी ध्यान रखना। वह बताते हैं कि अभी कल भी वह इस तरह की बातें किए थे जिसके बाद उसने उसे खूब समझाया था।वह बताते हैं कि "इससे पूर्व दिल्ली में इलाज के दौरान भी वह खुदकुशी का कोशिश किया था हालांकि उस बार वह नहीं कर पाए थे और उसे रोक लिया गया था।
04 वर्ष पहले बेटे की हो गई थी हत्या
भाई अशोक चौधरी बताते हैं कि मृतक मुन्ना चौधरी के एकलौते बेटे की 4 वर्ष पूर्व स्कूल में बच्चों के साथ आपसी झगड़े में हत्या कर दी गई थी। बताते हैं कि उसके पुत्र जिस स्कूल में पढ़ते थे वहां छात्रों के साथ उनका भिड़ंत हो गया और बाद में स्कूली बच्चों ने ही उसे मारकर नदी में फेंक दिया था। परिवार में उसकी दो बेटी है।