बाहर: मिल की मनमानी, नदी में छोड़ा केमिकल युक्त पानी, किसानों की परेशानी
बाहर: मिल की मनमानी, नदी में छोड़ा केमिकल युक्त पानी, किसानों की परेशानीकीचड़ में तब्दील हुई ये जमीन कभी हरे भरे फसलों से लहलहा रही थी, लेकिन फिर किसानों की मेहनत और फसलों को नजर लग गई. जहरीले पानी की धार में अन्नदाता की उम्मीदें बह गई.
पश्चिम चम्पारण के रामनगर में चीनी मिल की मनमानी किसानों के लिए आफत बन गई है. मिल की ओर से छोड़े गए कैमिकलयुक्त पानी ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. दरअसल, मिल प्रबंधन ने रमरेखा नदी में मिल का कैमिकलयुक्त पानी बहा दिया है. जिससे किसानों की सैकड़ों एकड़ में लगी धान और गन्ने की फसल बर्बाद हो गई. नरकटियागंज प्रखंड के चतुर्भुजवा गांव के किसानों की फसलें सड़ गई हैं, जिससे किसानों ने मिल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
मिल की मनमानी, किसानों की परेशानी
मिल ने नदी में छोड़ा केमिकल युक्त पानी
जहरीले पानी से किसानों की फसलें बर्बाद
जलीय जीवों की भी हो रही मौत
मिल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित किसान
मिल प्रबंधन पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?
परेशान अन्नदाता का आरोप है कि मिल के गंदे पानी से ही उनकी फसलें खराब हो गई हैं. खेतों के साथ ही नदी में रहने वाले जलीय जानवरों की भी गंदे पानी से मौत हो रही है. खेतों में जहां तक नजर जाती है, काला पानी और खराब हुई फसलें नजर आती है. गुस्साएं किसानों ने मिल प्रबंधन से मुआवजे की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. किसानों का गुस्सा सिर्फ मिल प्रबंधन ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन के खिलाफ भी है क्योंकि हरीनगर सुगर मील बीते 20 सालों से रामरेखा नदी में रसायनयुक्त पानी छोड़ रहा है.
मुआवजे की मांग कर रहे पीड़ित किसान
हर साल इसी तरह किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है, लेकिन इन 20 सालों में प्रशासन ने भी मिल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही किसानों को राहत देने के लिए कोई पहल किया. जिसका नतीजा है कि मिल प्रबंधन की मनमानी और प्रशासन की अनदेखी का दंश गरीब किसान झेलने को मजबूर हैं.