बिहार के सभी 38 जिलों में अब होगी जैविक खेती

Update: 2023-04-03 08:57 GMT

पटना न्यूज़: बिहार के सभी जिलों में जैविक खेती का विस्तार होगा. राज्य सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग ने इसकी योजना बनाई है. इसके तहत वर्मी कंपोस्ट इकाई के लिए अनुदान सहित कई उपाय अपनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. चौथे रोडमैप में भी इसे शामिल किया जा रहा है.

विकास आयुक्त की अध्यक्षता में छह मार्च को हुई बैठक में योजना क्रियान्वयन के प्रस्ताव पर स्कीम स्क्रीनिंग समिति ने अनुशंसा कर दी है. स्वीकृति के साथ ही योजना के लिए 14 करोड़ 39 लाख रुपये जारी किए गए हैं. इसका उद्देश्य विषमुक्त अन्न का उत्पादन कर किसानों की आय बढ़ानी है. इसके तहत वर्मी कंपोस्ट इकाई, व्यावसायिक कर्मी कंपोस्ट निर्माण के साथ ही जैविक खेती कर रहे किसानों के जैविक उत्पाद को मार्केटिंग एवं आधारभूत संरचना में राज्य सरकार अनुदान देगी. इससे खेती की मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा की जाएगी. जैविक फसल का उत्पाद बेचने के लिए किसानों की पहुंच बाजार तक बढ़ाई जाएगी. अभी गंगा किनारे राज्य के तेरह जिलों में कॉरिडोर बनाकर जैविक खेती कराई जा रही है.

किसान समागम में उठी थी मांग

अन्य जिलों के किसान भी अपने यहां जैविक खेती को बढ़ावा देने की मांग कर रहे थे. पिछले माह 21 फरवरी को पटना के बापू सभागार में हुए किसान समागम में भी किसानों ने मांग की थी. इसी के बाद कृषि विभाग ने सभी 38 जिलों के किसानों के लिए यह योजना बनाई है. यह राज्य प्रायोजित योजना होगी. पूर्व में संचालित जैविक कॉरिडोर योजना की तरह ही खेती करने वाले किसानों को बसोका से निशुल्क सर्टिफिकेशन कराना होगा.

एक किसान को पांच इकाई तक अनुदान

वर्मी कंपोस्ट उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों को 75 घनफीट क्षमता के स्थायी वर्मी कंपोस्ट उत्पादन इकाई बनाने पर मूल्य का पचास फीसदी या अधिकतम पांच हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा. एक किसान को अधिकतम पांच इकाई का अनुदान दिया जाएगा.

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