अब भ्रमण करने वाले पर्यटक पर्यटन स्थलों पर घरों में भी ठहर सकेंगे

जहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर होटल कम पड़ जाते हैं.

Update: 2024-05-30 05:00 GMT

सिवान: बिहार भ्रमण करने वाले पर्यटकों को घर पर ठहरने की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए पर्यटन विभाग होम स्टे पॉलिसी लाने की योजना बना रहा है. इसमें वैसे स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर होटल कम पड़ जाते हैं.

योजना को मूर्त रूप देने से पहले ऐसे पर्यटन स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है. अभी मलमास मेले के मौके पर राजगीर, पितृपक्ष के मौके पर गया और पुनपुन, कालचक्र पूजा के समय बोधगया, कांवड़ यात्रा के समय सुल्तानगंज, हरिहरक्षेत्र मेला के समय सोनपुर में अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है. इसके अलावा कई पर्यटन स्थल ऐसे भी हैं जहां आसपास होटल या ठहरने की सुविधा नहीं है. इन जगहों पर धर्मशालाओं की भी कमी है. इन्हीं स्थलों को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराया जाएगा.

वर्तमान में कई राज्य इस तरह की सुविधा पर्यटकों को दे रहे हैं. राज्य में होम स्टे पॉलिसी लागू करने से पहले इन स्थलों की सुविधाओं का भी अध्ययन किया जाएगा. पर्यटन विभाग की टीम इन स्थलों का दौरा कर वहां की नीतियों की जानकारी इकह्वा करेगी. सभी जगह की नीतियों के अध्ययन के बाद पर्यटन विभाग अपनी नीति बनाएगा. इस पर सरकार की मंजूरी ली जाएगी. इस नीति के बाद पर्यटकों को घर जैसा माहौल मिलेगा. सुविधा के साथ सुरक्षा भी मिलेगी. अभी कोई दुर्घटना होने पर ट्रैकिंग नहीं हो पाती है.

लेनी होगी अनुमति: होम स्टे की सुविधा देने वाले घरों को पर्यटन विभाग में निबंधन कराना पड़ेगा. कमरे, शौचालय, पेयजल, आगंतुक रजिस्टर आदि की सुविधा रहने के बाद पर्यटन विभाग इन घरों में पर्यटकों को ठहराने की अनुमति देगा. इस सुविधा के बाद पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है.

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