अविश्वास प्रस्ताव के तहत अब विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष के रूप में अपना पद बरकरार रखने के लिए विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करना होगा। यदि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
नीतीश कुमार के बुधवार को रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Bihar Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha) को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अन्य पार्टियों के विधायकों ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल हटाए जाने की मांग की है। सत्ता पक्ष के सभी सात दलों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। बुधवार को इन दलों के नेता ने एक संयुक्त पत्र विधानसभा सचिव को सौंपा। उन्होंने इस संबंध में पत्र राज्यपाल को भी भेजा है।
राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा कि राजद, जेडीयू, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और हम ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में नहीं है और राजग सदन का विश्वास खो चुका है तो फिर सिन्हा का विधानसभा अध्यक्ष बने रहना उचित नहीं है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महागठबंधन के विधायकों ने मंगलवार को (जिस दिन नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ दिया था) बिहार विधानसभा के सचिव को नोटिस भेजा था जिसमें सदन के अध्यक्ष को उनके पद से हटाने की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे। विजय चौधरी ने कहा कि इसकी एक 'हार्ड कॉपी' भी बुधवार को विधानसभा सचिवालय को सौंपी गई थी। चौधरी ने कहा कि सदन के वर्तमान अध्यक्ष सिन्हा के खिलाफ यह प्रस्ताव नीतीश कुमार द्वारा विश्वास मत लाने के लिए सत्र आहूत किए जाने के दौरान लाया जाएगा।
बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 या 25 अगस्त को बुलाए जाने की संभावना है। चौधरी ने कहा कि नियम के मुताबिक, विधानसभा के बहुमत से पारित प्रस्ताव से अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है।विधानसभा में महागठबंधन के घटक दलों के जहां कुल 164 सदस्य हैं, वहीं भाजपा के 77 विधायक हैं।
जेडीयू के एक अन्य नेता ने कहा कि स्पीकर विजय सिन्हा ने सरकार में बदलाव के बाद परंपरा के अनुसार पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। उनकी मंशा संदिग्ध थी। उन्होंने कहा कि ''हमें पता चला कि वर्तमान अध्यक्ष ने मंगलवार को एक भाजपा नेता की अध्यक्षता में आचार समिति की बैठक बुलाई और पिछले साल मार्च में विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम के अधिनियमन के दौरान विधानसभा में अराजकता पर एक ताजा रिपोर्ट प्राप्त की थी।'' जेडीयू नेता ने कहा कि अध्यक्ष ने नई रिपोर्ट क्यों मांगी, जबकि समिति ने इस साल फरवरी में ही अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी।
उन्होंने कहा कि गलती करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई तभी शुरू की जा सकती है जब समिति की रिपोर्ट विधानसभा द्वारा पारित की जाती है और अध्यक्ष सदन में रिपोर्ट को पेश किए बिना कार्रवाई की सिफारिश नहीं कर सकते।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कृष्ण सिन्हा ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा है कि जब तक मैं इस पद पर हूं, बाहर बयान नहीं दूंगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सीएम ने पत्र भेज कर हमें विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। इस बारे में सचिव के पास सारी जानकारी है, एक बार फाइल मिलने के बाद हम और जानेंगे।