Nalanda: सुप्रीम कोर्ट में पुल गिरने के खिलाफ जनहित याचिका दायर
नालंदा के अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है
नालंदा: बिहार में लगातार पुलों के गिरने का मामला सुर्खियों में है. दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे नालंदा के अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने बिहार सरकार के मुख्य सचिव, सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुल निर्माण निगम, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष को पक्षकार बनाया है.
याचिका में उन्होंने रिट जारी कर बिहार के सभी पुलों और निर्माणाधीन पुलों का संरचनात्मक ऑडिट करने व कमजोर पुलों को ध्वस्त करने या मरम्मत करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया है. साथ ही पुराने और निर्माणाधीन पुलों की निगरानी के लिए नीति व तंत्र बनाने और बिहार को कानून व कार्यकारी आदेश के माध्यम से कुशल स्थायी निकाय बनाने का निर्देश जारी किया जाए. इसमें उच्चस्तरीय विशेषज्ञ शामिल हों. उन्होंने नालंदा के डीएम से जिले के पुराने या निर्माणाधीन पुलों की सुक्ष्म निगरानी कर अप्रिय घटना को रोकने की मांग की है. इससे पहले उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अवमानना याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने लड़ने वाले सभी राजनीतिक दल के उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित नहीं करने पर अवमानना का षी ठहराया था.
सीओ के खिलाफ की शिकायत: डीएम के दैनिक जनता दरबार में 19 फरियादियों की शिकायतें सुनी गयीं. बेन के फरियादी द्वारा जमीन को कब्जा किये जाने की शिकायत पर डीएम शशांक शुंभकर ने राजस्व शाखा पदाधिकारी व थाना को कार्रवाई करने का आदेश दिया.
हरनौत के आवेदक के द्वारा शिकायत की गयी कि गोतिया द्वारा जमीन पर अवैध कब्जा कर घर वालों को परेशान किया जा रहा है. कौटाना के आवेदक ने कतरीसराय सीओ पर मनमानी व दबंगई का आरोप लगाने के मामले की जांच करने का आदेश एडीएम को दिया गया. हरनौत के आवेदक द्वारा 22-23 निर्मित पशु शेड की सामग्री भुगतान में पीओ पर नाजायज राशि की मांगने की शिकायत की.