Nalanda: राजगीर में चार बार लगी पॉलिथीन पर पाबंदी, पाबंदी बेअसर रही

"पाबंदी बेअसर दिख रहा"

Update: 2025-01-13 09:08 GMT

नालंदा: अंतरराष्ट्रीय पर्यटक नगरी व इकोटूरिस्ट नगरी में कहने को तो पॉलिथीन पर पाबंदी लगी हुई है. यह पाबंदी चौथी बार एक जुलाई 2023 को लगायी गयी थी. उसके बाद भी यहां पर धड़ल्ले से चाहे वह बाजार का क्षेत्र हो या अनुमंडल कार्यालय का क्षेत्र, सभी जगहों पर खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है. पाबंदी बेअसर दिख रहा है.

बाजार के राशन दुकानदार हों, चाहे अन्य छोटे-मोटे रोजगार करने वाले लोग सभी पॉलिथीन में ही सामान देते नजर आते हैं. हालांकि, नगर परिषद के लोग कभी कभार कुछ दुकानों में छापेमारी कर महज कोरम पूरा करते रहे हैं. पर्यटक नगरी में चार बार पॉलिथीन पर पाबंदी लगायी गयी है. एक भी बार सफल नहीं हो सका. पहली बार पर्यटक नगरी को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए 2013 में तत्कालीन एसडीओ रचना पाटिल द्वारा एक दिसम्बर 2013 को पॉलिथीन के उपयोग पर पाबंदी लगायी थी. उन्होंने उस समय सरकारी दफ्तरों में भी प्लास्टिक के उपयोग पर मनाही कर दी थी. पकड़े जाने पर जुर्माना रखा था. छापेमारी दल का गठन किया था. लोगों में जागरूकता अभियान चलाया गया था. इसका असर भी हुआ था. परंतु, उनके जाने के बाद यह योजना दम तोड़ दी और राजगीर जो बिहार में पॉलिथीन पाबंदी के लिए पहला शहर बनने वाला था वह अधूरा रह गया. दूसरी बार एक अप्रैल 2016 से डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम की पहल पर राजगीर में पॉलिथीन के उपयोग पर पाबंदी लगायी गयी थी.

छापामार दल का भी गठन किया गया था

तत्कालीन एसडीओ लाल ज्योति नाथ शाहदेव ने इसे सफल बनाने के लिए नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, सिटी मैनेजर सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर छापामार दल का गठन किया था.

पाबंदी के कुछ दिन बाद तक यह सिलसिला चला. इसका असर भी लोगों व दुकानदारों पर होने लगा था. लोग पॉलिथीन की जगह जुट के थैले लेकर बाजार जाते थे. लेकिन, महज कुछ दिन बाद प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी व फुटपाथी दुकानदारों की मनमानी के कारण अभियान फेल हो गया. तीसरी बार कोर्ट की पहल पर 23 दिसम्बर 2019 को पॉलिथीन के उपयोग पर पाबंदी लगायी गयी थी. यह भी बेअसर रहा. अधिकारियों की सुस्ती और दुकानदारों की मनमानी के आगे पाबंदी का असर शहर में नहीं दिखा. चौथी बार एक जुलाई 2023 को लगायी गयी थी. महज कुछ ही दिन बाद यह भी फेल हो गया.

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