जारी वाजिब कारण के बगैर म्यूटेशन नहीं होगा खारिज

राजस्व कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता बनाए रखने के कड़े निर्देश जारी

Update: 2024-05-27 04:17 GMT

मुजफ्फरपुर: अब कोई भी राजस्व कर्मचारी बगैर वाजिब कारण के म्यूटेशन के आवेदन को रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे. हालांकि ऐसे मामले बहुत कम आए हैं लेकिन इसके बावजूद जिला स्तर पर अपर समाहर्ता रवि राकेश ने सभी अंचल अधिकारियों को उनके मातहत कार्य कर रहे राजस्व कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता बनाए रखने के कड़े निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि जब तक कोई खास और बड़ी वजह नहीं होगी तब तक म्यूटेशन के आवेदन को रिजेक्ट नहीं करें. म्यूटेशन के मामले को लेकर किसी भी भू-धारक को नाहक परेशान भी ना करें. ज्ञातव्य है कि म्यूटेशन के मामले को लेकर राजस्व कर्मचारियों की शिकायत आम हो गई है. समझा जाता है कि इसी कारण अपर समाहर्ता ने लोकहित में निर्देश जारी किया है.

मानवीय भूल को सुधार करने का मौका दें ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले को लेकर जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर किसी आवेदक से कोई छोटी-मोटी भूल चूक हुई हो तो उसे सुधार करने का मौका अवश्य दें. जनहित में म्यूटेशन बहुत जरूरी है. कहा गया है कि वंशावली एवं पंचनामा के आधार पर होने वाले म्यूटेशन में कोई देरी ना करें क्योंकि जब तक जमाबंदी नहीं होगी ना तो जमीन की खरीद बिक्री होगी और ना ही किसी को सरकारी योजना का लाभ मिल पाएगा.

लंबे समय से बहाना पिछले साल रुपौली अंचल में एक भू धारक की केवाला की छाया प्रति जब ऑनलाइन की गई तो राजस्व कर्मचारी के स्तर से ही उस केवाला को धुंधला बताकर रिजेक्ट कर दिया गया. बाद में पैरवी पैगाम लगाकर म्यूटेशन करवाया गया. ऐसे मामले पूरे जिले में मिल जाएंगे. कभी-कभी पंचनामा बंटवारा में सही चौहद्दी ना होने का बहाना भी बनाया जाता है.

कुल आवेदन में लगभग आधा रिजेक्ट: जिले में अब तक 4 लाख 37 हजार 421 म्यूटेशन के आवेदन आए हैं जिसमें 1 लाख 82 हजार 932 आवेदन रिजेक्ट हुए हैं. जिले में रिपोर्ट आने के बाद रिजेक्ट म्यूटेशन आवेदन का कारण खोजा जा रहा है. जिला स्तर पर मामले की छानबीन को लेकर अंचलों में हड़कंप मचा हुआ है. मालूम हो कि कुल 4 लाख 37 हजार 421 आवेदनों में 4 लाख हजार 357 आवेदनों का डिस्पोजल दिखाया जा रहा है. इस आधार पर 93.5 प्रतिशत डिस्पोजल उपलब्धि बताई जा रही है. लेकिन आम जनता का हाल रिजेक्शन कॉलम में जाकर पता चलता है.

अभी भी 27064 आवेदन पेंडिंग स्थिति में है जिनमें 376 आवेदन 21 दिनों के अंदर डिस्पोजल की प्रतीक्षा में है तो 177 आवेदन 63 दिनों की समय सीमा में पेंडिंग है.

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