शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवासन योजना की हुई शुरुआत
सरकारी जमीन पर बनेंगे भवन
बेगूसराय: राज्य के सभी नगर निकायों में गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए बहुमंजिला इमारत बनाकर उन्हें आवास की सुविधा मुहैया कराने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके तहत प्रत्येक शहरी गरीब परिवार को 30 वर्ग मीटर कारपेट क्षेत्र का फ्लैटनुमा आवास उपलब्ध कराना है. जिन गरीबों को इसके तहत निर्मित आवास मुहैया कराए जाएंगे, उनका बिहार राज्य आवास बोर्ड के स्तर से 11 महीने का एकरारनामा होगा.
इस अवधि के पूरा होने के बाद संबंधित लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाएगा. इसके बाद इनकी अवधि का विस्तार होगा. यह एक तरह से किराए पर इन्हें रहने के लिए दिया जाएगा, लेकिन इसका किराया इन गरीबों को नहीं, बल्कि राज्य आवास बोर्ड देगा. सत्यापन कराने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि जिसके नाम से इन घरों का आवंटन हुआ है, वहीं व्यक्ति इनमें रहे. कोई अवैध कब्जा नहीं हुआ हो. कहीं किसी ने आवंटन कराने के बाद इसे किराया पर तो नहीं लगा दिया.
शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवासन नामक इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने सभी जिलों के डीएम, सभी नगर निगम के नगर आयुक्त और सभी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को मार्गदर्शिका भेजा है.
सरकारी जमीन पर बनेंगे भवन
बहुमंजिला आवास का निर्माण बिहार राज्य आवास बोर्ड की भूमि पर कराया जाएगा. जहां बोर्ड की भूमि नहीं है, वहां जिला प्रशासन के स्तर से उपलब्ध कराई गई भूमि पर इसका निर्माण कराया जाएगा. शहरी क्षेत्र में भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि का चयन इसके लिए किया जाएगा. सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में इसके लिए जमीन की खरीद की जाएगी. बिहार राज्य आवास बोर्ड के स्तर से इस योजना का कार्यान्वयन कराया जाएगा. आवास बोर्ड इस योजना को अपनी निधि से पूरी कर सकता है या जरूरत पड़ने पर किसी भी वित्तीय संस्थान से दीर्घकालीन ऋण प्राप्त कर इसे पूरा कर सकता है.
लाभार्थियों का चयन के लिए मुख्यालय स्तर पर मुख्यालय आवास समिति व जिला स्तरीय आवास समिति का गठन किया गया है. मुख्यालय स्तरीय पांच सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव होंगे. सदस्य के तौर पर पटना डीएम, एसडीओ, नगर निकाय के मुख्य पार्षद व नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी होंगे. इसी तरह जिला स्तरीय 5 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष डीएम होंगे. सदस्य के तौर पर अपर समाहर्ता (राजस्व), संबंधित क्षेत्र के एसडीओ, संबंधित नगर निकायों के मुख्य पार्षद व नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी होंगे.