Motihari: पश्चिम बंगाल के फरक्का तक गंगा के गाद की सफाई होगी

गंगा के गाद की सफाई का कार्य जल्द शुरू होगा

Update: 2024-08-11 03:55 GMT

मोतिहारी: पश्चिम बंगाल के फरक्का तक गंगा के गाद की सफाई होगी. सफाई को लेकर बिहार सरकार ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि गंगा के गाद की सफाई का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा.

विधानसभा की दूसरी पाली में गैर सरकारी संकल्प के दौरान नरेन्द्र कुमार नीरज ने यह मामला उठाया था. जवाब में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न मंचों पर इसकी मांग उठाती रही है. प्रश्नकर्ता ने बक्सर से कहलगांव तक गंगा के गाद की सफाई का मामला उठाया है, लेकिन राज्य सरकार ने बक्सर से फरक्का तक गंगा के गाद की सफाई का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया है. निर्णय अब केन्द्र के स्तर पर ही लिया जाना है. सिद्धार्थ पटेल के गैर सरकारी संकल्प के जवाब में मंत्री ने कहा कि वैशाली व पटेढ़ी बेलसर प्रखंड से होकर गुजरने वाली वाया नदी की उड़ाही की जा रही है. अवध बिहारी चौधरी के गैर सरकारी संकल्प के जवाब में मंत्री ने कहा कि दाहा नदी की सफाई की जाएगी.

गाद से गंगा की पेटी भरी बाढ़ का खतरा बढ़ा

गंगा में भारी मात्रा में गाद जमा हो गया है. नदी का पेट भरने से सिल्ट के टापू बन गए हैं. इससे न केवल नदी का प्रवाह प्रभावित हो रहा है बल्कि तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. नए-नए इलाकों में कटाव हो रहा है. पटना में ही गंगा शहर से चार किलोमीटर तक दूर चली गयी है.

375 किलोमीटर की दूरी 9 दिनों में तय करती है गंगा

सिर्फ पटना-भोजपुर के निकट ही गंगा में 28 करोड़ सीएफटी गाद जमा हो गया है. इसके कारण न केवल नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ है बल्कि नदी तल उंचा होने से बड़े हिस्से में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है. सिल्ट के कारण गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले 15 जिलों में भी नदी का पानी बाढ़ के दौरान नए-नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. एक बड़ा दुष्परिणाम यह भी हो रहा है कि गंगा में उफान होने पर सहायक नदियों का पानी उसमें अधिक नहीं जा पाता, इससे उनकी सहायक नदियां भी अपने-अपने तटवर्ती इलाकों में बाढ़ ला रही हैं. एक ओर तो गंगा पटना से लगातार दूर जा रही है, वहीं कई शहरों में इसके पानी का दबाव तटीय इलाकों में बढ़ता जा रहा है. गाद का अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि गंगा को बक्सर से 102 किमी दूर पटना के गांधी घाट तक आने में चार घंटे लगते हैं जबकि पटना से 375 किमी दूर फरक्का तक पानी को पहुंचने में 8 से 9 दिन लगते हैं.

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