पटना। मधुमक्खी के आक्रमण से परेशान एक मां- बेटे को घर के बरामदे में धुंआ करना काफी महंगा पड़ गया। इस हरकत से कमरे में इस कदर धुंआ भर गया कि दम घुटने से मां और बेटे दोनों की मौत हो गई। यह घटना बिहार के बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड के गोपकिता गांव की बताई जा रही है। ये दोनों मां बेटे पिछले कुछ दिनों से मधुमक्खी से परेशान थे। इसी कारण ये लोग घर के बरामदे में धुंआ कर घर का दरवाजा बंद कर सो रहे थे। तभी घर में इस कदर धुंआ भर गया कि, मां और एक बेटे की दोनों की दम घुटने के कारण मौत हो गई। महिला के दूसरे बेटे की स्थिति चिंताजनक है। जिसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है।
मृतकों की पहचान राजाराम की पत्नी पूजा देवी (46) और बेटे शुभम कुमार (8) के रूप में की गई है। वहीं, एक बेटे कल्लू की स्थिति गंभीर बनी है। परिजनों ने बताया कि घर के ओसारा में खाना बनाने के लिए चूल्हा जलाया गया था इस आग को मधुमक्खी भागने के लिए जला छोड़ दिया गया। जिसके बाद पुरे घर में धुआं फैल गया। धुआं देखने के बाद ग्रामीण अगलगी की आशंका से घर के आगे जुट गए। शोर मचाने पर भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो दरवाजा तोड़कर महिला को उसके दोनों बेटों को अचेत हालत में निकालकर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मां और एक बेटे की मौत हो गई।
इधर,लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुट गई है। पुलिस ने अनुमंडल अस्पताल पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया औरपोस्टमार्टम करा स्वजन को सुपुर्द कर दिया। हालांकि मृतका पूजा देवी की बहन प्रिया देवी का कहना है कि पड़ोसी के द्वारा धुआं करने की बात पूजा को नहीं बताई गई थी। जिसके कारण घटना हुई है।अगर इसकी जानकारी पूजा को होती तो निश्चित तौर पर उनकी जान बच जाती।