गोपालगंज न्यूज़: जिले के कटेया प्रखंड के बैरिया गांव में तिमूल का 35 करोड़ की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट खुलेगा. इसके लिए सरकार ने दस एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी है. इस प्लांट की क्षमता लीटर की होगी. प्लांट में दूध की पैकिंग के साथ दही ,लस्सी व पनीर आदि बना कर गोपालगंज व इसके आसपास के इलाकों में आपूर्ति की जाएगी.
इससे जहां जिलेवासियों का डिमांड के अनुसार ताजा डेयरी प्रोडक्ट उपलब्ध होगा. दूध उत्पादन के साथ रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. प्रोसेसिंग प्लांट अगले दो वर्षों में बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है. जिले में दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों की संख्या 255 से बढ़कर विगत चार महीने में 280 हो गई है. पिछले चार महीने में दूध का संग्रहण डेढ़ गुना बढ़ा है. 5 माह के अंदर 43 सौ से अधिक दुधारू मवेशियों की संख्या बढ़ी है. उक्त समितियों से जुड़े 23 हजार पशुपालक किसान रोजाना 30 हजार लीटर दूध तिमूल को बेच रहे हैं. पहले इनकी संख्या करीब 21 हजार थी. किसानों को दूध की गुणवत्ता के आधार पर कीमत का भुगतान किया जाता है. पिछले चार महीने में दूध की कीमत में 2 से 3 रुपए प्रति लीटर की दर से बढ़ोतरी हुई है.
फुलवरिया व पंचदेवरी में सर्वाधिक उत्पादन सबसे अधिक दूध का उत्पादन फुलवरिया व पंचदेवरी के पशुपालक किसान कर रहे हैं. मांझा थाने के भड़कुइयां स्थित दुग्ध शीतक केंद्र प्रभारी के अनुसार इन प्रखंडों में तिमूल को सबसे अधिक 15 हजार लीटर दूध समितियों से मिलता है. वैसे जिले में 70 हजार लीटर से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है. जितने दूध सहकारी समितियों में बिकते हैं,उससे अधिक दूधिए किसानों से संग्रह कर घरों व होटलों में बेचते हैं.
जिले में चार जगह चल रहा शतक केंद्र जिले में चार दूध शीतक केंद्र संचालित हैं. जिनमें मांझा प्रखंड के जगरन्नथा,हथुआ के खैरटिया, पंचदेवरी में खेमराज व लोहठ्ठी में संचालित केन्द्र शामिल हैं.
मांझा प्रखंड के जगरन्नथा गांव स्थित दुग्ध शीतक केंद्र के प्रभारी रामप्रवेश साह ने बताया कि प्रोसेसिंग प्लांट खुलने से जिले में ही डेयरी प्रोडक्ट तैयार होंगे.